किसान आंदोलन : सिंघु बॉर्डर पर 26-27 अगस्त को अखिल भारतीय अधिवेशन,20 राज्यों से 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि होंगे शामिल

नई दिल्ली : राजधानी की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 9 माह 26 अगस्त को पूरे हो जाएंगे। इस अवसर पर किसान मोर्चा ने 26-27 अगस्त को सिंघु बॉर्डर पर अखिल भारतीय अधिवेशन की घोषणा की है। इसमें तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए आंदोलन को देशभर में फैलाने पर मंथन होगा।

मोर्चा ने बताया कि पांच सत्र में होने वाले सम्मेलन का उदघाटन किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल करेंगे। 26 अगस्त को सुबह 10 से शाम 6 बजे के बीच तीन सत्र होंगे। इनमें औद्योगिक और खेतों में काम करने वाले श्रमिकों, ग्रामीणों और आदिवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी। 27 अगस्त को दो सत्र में महिलाओं, छात्रों और युवाओं के मौजूदा हालात पर चर्चा होगी।

इस दौरान किसान आंदोलन के कारण और इसके सभी वर्गों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा होगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई है कि अधिवेशन में 20 राज्यों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें किसानों, भूमिहीन मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों, आदिवासी जनता, औद्योगिक मजदूरों, महिलाओं व छात्रों, छोटे व्यापारियों, पूर्व रक्षा कर्मियों, अध्यापकों, चिकित्सकों, वकीलों आदि के बीच काम करने वाले संगठनों के सदस्य भी शामिल होंगे।

बिजली बिल वापसी की भी करेंगे मांग…
किसान वर्ष 2021 का बिजली बिल वापस लेने की भी मांग करेंगे। दो दिवसीय सत्रों में तीन लेबर कोड, मनरेगा, ईंधन व खाद के दामों में वृद्धि, महिलाओं पर हमले, शिक्षा के निजीकरण, राशन व्यवस्था के संकट, आदिवासियों का विस्थापन और वन संरक्षण कानून, छोटे दुकानदारों पर संकट, भूमि अधिकरण व भूमि के अधिकार पर भी चर्चा होगी।

अधिवेशन में भाग लेंगे 1500 संगठनों के प्रतिनिधि
अधिवेशन में 20 राज्यों से 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। इनमें किसानों के बीच काम करने वाले संगठन, भूमिहीन मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों, आदिवासी लोग, औद्योगिक मजदूरों, महिलाओं व छात्रों, छोटे व्यापारियों, पूर्व रक्षा कर्मयोग, अध्यापकों, चिकित्सकों, वकीलों आदि के बीच काम करने वाले संगठन शामिल हैं। अधिवेशन में एक प्रस्ताव पर किसानों के आंदोलन की सभी समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसे देशभर में विस्तारित व तेज करने पर जोर दिया जाएगा।

इसके अलावा तीन कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने, 2021 का बिजली बिल वापस लेने, एनसीआर में पर्यावरण संबंधी आयोग द्वारा किसानों पर दमन न करने की मांगें शामिल हैं। अधिवेशन, सुझावों के अनुसार आंदोलन की एक योजना स्वीकृत करेगा, उसमें इसका विस्तार व तेज करने की दिशा होगी। इसकी घोषणा अंतिम दिन की जाएगी।

इसमें आयोजन समिति के संयोजक आशीष मित्तल के अलावा बलदेव सिंह निहालगढ़, प्रेम सिंह गहलावत, जगजीत सिंह डल्लेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल, हरमीत सिंह कादियान, प्रेम सिंह भंगु, केवी बिजू, हरपाल सिंह, डॉ. सतनाम सिंह अजनाला, धर्मेंद्र मलिक, सत्यवान, अविक साहा, करनजीत शेरों व जगमोहन सिंह को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

 

 

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