इंदौर। ख्यात शायर डॉ. राहत इंदौरी का निधन। आज ही कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली थी। उन्होंने अपने जीवन में कई बेहतरीन शेर लिखे। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद 70 वर्षीय राहत इंदौरी को देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली। राहत साहब तो दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन पीछे अदब का वो विरासत छोड़ गए हैं जो हमेशा नई पीढ़ी के लिए किसी खजाने से कम नहीं होगी।. डॉ राहत इंदौरी के कुछ बेहतरीन शेर 1.ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे। 2. लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है। 3. शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम आँधी से कोई कह दे के औकात में रहे।। 4. आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो। 5. एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।। 6 फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।। 7. कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे। 8. जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।