रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में आज प्रश्नकाल में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और मंत्री अनिला भेड़िया के विभागों पर सवाल लगाए गए थे। प्रश्नकाल की निर्धारित समय सीमा में आज अंतिम प्रश्न भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा का था, जिस पर जवाब कृषि मंत्री चौबे को देना था। शिवरतन शर्मा ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी और भुगतान को लेकर सवाल किया, जिसके जवाब में मंत्री चौबे बुरी तरह घिर गए और सदन को संतुष्ट नहीं कर पाए, जिसके चलते विपक्ष ने नाराज होकर बहिर्गमन कर दिया।
भाजपा विधायक शिवरतन ने मंत्री चौबे से पूछा कि गोबर खरीदी करने वाली एजेंसी कौन है, किन लोगों की नियुक्ति की गई है और किस मद से भुगतान किया गया है। इसके जवाब में मंत्री चौबे का कहना था कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत समतियों का गठन ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया गया है। इस जवाब पर भाजपा विधायक ने सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। विधायक शिवरतन शर्मा का कहना है कि 90 फीसदी से ज्यादा समितियां ग्राम पंचायत की अनुशंसा के बिना ही बनाए गए हैं।
भुगतान को लेकर उठाए गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि फरवरी 2021 के पूर्व ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से तो अब कृषि विभाग के माध्यम से गोबर का भुगतान किया जा रहा है। इस शिवरतन शर्मा ने दावे के साथ कहा कि 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की राशि से भुगतान के लिए पंचायतों पर दबाव बनाया जा रहा है, जो कि ग्राम पंचायत के विशेषाधिकार का हनन है। योजना मद के सवाल पर कृषि मंत्री सदन को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाए, जिसकी वजह से विपक्ष ने पहले तो सदन के भीतर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, उसके बाद वाॅक आउट कर दिया।