हर लहर रेत को, हर दिये को हवा… जिंदगी को भी हर सांस छलती रही….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )    

2019 के लोकसभा चुनाव में 70 से 75 वर्ष की आयु के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की टिकट इसलिए काटी गई थी क्योंकि वे वरिष्ठ हो गये थे उन्हें मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर दिया गया था भाजपा के पितृपुरुष लालकृष्ण आडवाणी (गांधी नगर गुजरात) मुरली मनोहर जोशी (कानपुर उत्तरप्रदेश) सुमित्रा महाजन (इंदौर म.प्र.), रमेश बैस (रायपुर छत्तीसगढ़) आदि शामिल रहे। पर केरल विधानसभा के चुनाव में 88 वर्षीय मेट्रोमैन श्रीधरन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है क्यों…। वैसे इस फैसले से तो यही लगता है कि 2019 में कुछ चुने हुए नेताओं को उम्र की आड़ में निशाना बनाया गया था जिसमें लालकृष्ण आडवाणी मुख्य रूप से शामिल थे। मेट्रो मैन श्रीधरन की आयु 88 साल है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 75 वर्ष से अधिक आयु के भाजपा नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में होना चाहिये….। इधर बेमुल्ला एवं उन्ना दलित आंदोलन के बाद दलितों में भाजपा के प्रति उपजे असंतोष को दूर करने भाजपा ने रामनाथ गोविंद को देश का राष्ट्रपति बनाया, हालांकि इन्हीं कोविंद साहब को भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर देहात (उत्तरप्रदेश) से टिकट देने से मना कर दिया गया था। वैसे भाजपा के पास राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति के लिए आडवाणी/मुरली मनोहर जोशी से बेहतर विकल्प नहीं था क्योंकि भाजपा को दोनों ने अपनी मेहनत पसीने से सींचा था पर लगता है कि सोची समझी रणनीति के तहत दोनों को ठिकाने लगाया गया था…। देश में एक ही लोकसभा से जीतने का रिकार्ड बनाने वाली लोकसभा अध्यक्ष रही सुमित्रा महाजन तथा रमेश बैस को भी पिछले लोस चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया गया। रमेश बैस केनाम तो कांग्रेस के दिग्गज नेता विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मुख्यमंत्री (म.प्र.) पं. श्यामाचरण शुक्ल तथा छग के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी पराजित करने का रिकार्ड रहा है। यह ठीक है कि उन्हें यदि 2019 में लोकसभा प्रत्याशी बनाया जाता और वे जीत जाते तो काग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे विद्याचरण शुक्ल की जीत के रिकार्ड की बराबरी कर लेते… खैर रमेश बैस को तो त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है जो देश का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि रमेश बैस 7 बार सांसद रह चुके हैं, वे 2 अगस्त 1947 को जन्मे थे। वर्तमान में करीब 74 साल के हैं तो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी 17 सितंबर 1950 को जन्में हैं और वर्तमान में 71 साल के हैं जब अगला लोस चुनाव होगा तब वे 74 साल के आसपास के हो जाएंगे? 

सिंधिया और एक साल?    

भारतीय राजनीति के चमकदार चेहरों में एक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साल भर पहले 10 मार्च को कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और उनके समर्थकों द्वारा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने से म.प्र. में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार बन गई उनके 2-3 समर्थक म.प्र. मंत्रिमंडल के सदस्य भी बन गये, वे राज्यसभा की भाजपा कोटे से सदस्यता पा गये हो सकता है कि उन्हें आगे मंत्री पद नसीब हो जाए पर अभी तो उनके खाते में भाजपा जाने पर गिनाने लायक कुछ नहीं है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा कि ज्योतिरादित्य, भाजपा में ‘ बैक बेंचरÓ बनकर रह गये हैं, कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री बनते…, ज्योतिरादित्य ने भी कहा कि काश, राहुल जी तब चिंता करते जब वे कांग्रेस में थे? खैर 18 साल की कांग्रेस की सियासी पारी में उनके पास गिनाने बड़ी उपलब्धियां हैं। 4 बार लोकसभा सदस्य, केंद्र में मंत्री, लोकसभा में उपनेता, मुख्य सचेतक रहे, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन समिति के अध्यक्ष रहे, राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे तो प्रियंका गांधी के बराबर राष्ट्रीय महासचिव भी रहे…. खैर राजनीति में आगे आगे देखना है क्या होता है…।

गजब का आर्थिक मॉडल…।

भारत, पाकिस्तन को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देगा पर भारत में निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाने वालों को 250 रुपये देना पड़ रहा है?
इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भारत में अभी तक एक करोड़ 90 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है, एक मार्च से शुरू तीसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के 21 लाख तथा 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के गंभीर बीमारी से पीडि़त 3 लाख लोगों को वैक्सीन का टीका लग चुका है। रोचक तथ्य यह है कि 24 लाख लोगों में 74 प्रतिशत लोगों ने निजी अस्पतालों में 250 रुपये शुल्क देकर टीकाकरण कराया है यानि 42 करोड़ रूपया निजी अस्पतालों की तिजोरी में जा चुका है है न गजब का आर्थिक मॉडल….।
कलेक्टर कोरोना पॉजिटिव्ह...
वैक्सीन की दो डोज लगाने के बाद भी जांजगीर कलेक्टर की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव्ह मिली है याने वे कोरोना संक्रमित मिले हैं। कलेक्टर यशवंत कुमार को आईसोलेशन में रखने की सलाह दी गई है। ज्ञात रहे कि कलेक्टर ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज 8 फरवरी को लिया था तथा दूसरा डोज 8 मार्च को लिया था। तीन चार दिन पहले उनका एण्टीजन टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट पाजिटिव्ह मिली है। इधर कोरोना डेथ रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ चिकित्सक सुभाष पांडे का कहना है कि कोरोना वैक्सीन का दो डोज पूरा होने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है। हर किसी का शरीर अलग होता है, शरीर जितने जल्दी रिस्पांस करता है खतरा उतना कम हो जाता है, वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण का खतरा कम हो जाता है, संक्रमण माईल्ड हो सकता है लेकिन गंभीर नहीं हो सकता… बहरहाल कोरोना वैक्सीन के दो डोज लगने के बाद भी कलेक्टर की रिपोर्ट पाजिटिव्ह आने पर तरह-तरह के सवाल भी उठ रहे हैं…।

पापुनि का 100 करोड़ घोटाला…

छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का एक और पुराना घोटाला चर्चा में है। वैसे भी पापुनि और घोटाला का चोली दामन का संबंध रहा है, कभी महापुरुषों की फोटो प्रकाशन तो कभी जरूरत से अधिक पुस्तक प्रकाशन, कभी कागज की क्वालिटी को लेकर यह चर्चा में रहा है। हाल ही में लोकल फंड आडिट में पापुनि में 100 करोड़ से उपर की आर्थिक अनियमितता सामने आई है। ये अनियमितता 2004 से 2010 के बीच की है। पहले भी सवाल उठे थे पर स्पष्टीकरण का पापुनि के अफसरों ने कोई जवाब नहीं दिया था। छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा की ओर से पापुनि को पत्र लिखकर 101 करोड़ की वित्तीय अनियमितता को लेकर जवाब मांगा है। पूर्व अध्यक्ष देवजी भाई पटेल कहते हैं कि 2008-2009 की वित्तीय अनियमितता पर 2017 में स्पष्टीकरण क्यों मांगा गया है? वैसे वर्तमान अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी काफी पावरफूल राजनेता हैं वे चाहे तो 2004 से 2017 तक के कार्यकाल की जांच किसी सरकारी/ गैर सरकारी संस्था से कराकर दूध का दूध और पानी का पानी करा सकते हैं?

बठेना और चर्चा…

मुख्यमंत्री भूपेश के विधानसभा क्षेत्र पाटन में लगातार 2 बड़ी घटना चर्चा में है और दुर्ग के पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर कम परेशान नहीं है। धार्मिक तथा अपने ईमानदारी के लिए चर्चित प्रशांत ठाकुर यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर दुर्ग पुलिस को किसकी नजर लग गई है। पहले पाटन विधानसभा क्षेत्र में सोनकर परिवार की हत्या का अभी खुलासा नहीं हुआ था कि बठेना में पांच लोगों की संदिग्ध मौत को लेकर विपक्ष ने हंगामा कर दिया है। मां तथा उनकी दो बेटियों लगभग जली हालात में मिली तो पिता-पुत्र की फांसी में लटकी लाश मिली हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात सामने आई है पर विपक्षी उसे हत्या बताने में पीछे नहीं है। कुछ नेताओं ने तो बलात्कार का भी आरोप मढ़ दिया है। हालांकि सूत्र कहते हैं आर्थिक स्थिति से परेशान पिता-पुत्र ने पहले अपने घर की तीन महिलाओं को कृषि की घातक दवा पिलाकर मौत के घाट सुला दिया फिर छेना-बांस तथा पैरावट से उनका अंतिम संस्कार किया और फांसी लगाकर बाद में आत्महत्या कर ली। हालांकि अभी मां तथा दो बेटियों की मौत की मेडिकल रिपोर्ट आना बाकी है।

और अब बस…..

0 वह कौन से आईएएस अफसर हैं जिनके खिलाफ गड़बड़ी की जांच चल रही है और वे जिम्मेदार पद पर काबिज हैं।
0 छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्कूली शिक्षा सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
0 शतरंज के खेल में पारंगत एक आईएएस अफसर आजकल राजनीति की शतरंज में शह-मात के खेल में लगे हैैं?
0 कुछ जिलों में कलेक्टर तथा पुलिस कप्तान के तबादले की चर्चा पिछले 3-4 माह से चल रही है आखिर देरी के पीछे का क्या कारण है?

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