जम्मू : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया है। घटनास्थल से गोला-बारूद और हथियार बरामद किए गए हैं। इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के चिनगाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच यह मुठभेड़ हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद सुरक्षाबलों ने कुलगाम जिले के चिनगाम इलाके को घेर लिया।
आतंकियों ने खुद को घिरा देख सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। ऑपरेशन खत्म हो गया है, लेकिन इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। रक्षा पीआरओ, श्रीनगर के मुताबिक, कुलगाम जिले के चिनगाम इलाके में संयुक्त अभियान संपन्न हो गया है। कुल दो आतंकवादियों का सफाया किया गया है। मौके से एक एम 4 राइफल और एक पिस्तौल के अलावा गोला बारूद बरामद किया गया है।
शोपियां में 12 घंटे चली मुठभेड़ में हिजबुल के तीन आतंकी ढेर…
इससे पहले बुधवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के जौनपोरा के सुगन गांव में 12 घंटे चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इनके पास से एक एके 47 राइफल और दो पिस्तौल बरामद की गई थी।
तीनों आतंकी स्थानीय थे और हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करते थे। सुरक्षाबलों को मंगलवार को सूचना मिली थी कि सगुन गांव में कुछ आतंकी मौजूद हैं। इसके बाद शाम सात बजे 44 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया था।
इसी दौरान एक स्थान पर छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। रात का समय होने के कारण आतंकियों द्वारा अंधेरे का फायदा उठा कर भाग निकलने की आशंका को देखते हुए सुरक्षाबलों ने वहां रोशनी का प्रबंध कर आसपास सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया। रातभर दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही।
बुधवार को सुबह रोशनी होते ही सुरक्षाबलों ने पहले आतंकियों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहा परंतु दहशतगर्दों ने फायरिंग तेज कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने एक-एक कर तीन आतंकियों को मार गिराया। इन आतंकियों की शिनाख्त सज्जाद अहमद (मालडेरा, शोपयां), जुनैद राशिद (तुमलाहल, पुलवामा) और मेहराज दीन (अरिगाम, पुलवामा) के रूप में हुई थी।