इलेक्ट्रिक व्हीकल कैपिटल: दिल्ली सरकार के सभी विभाग में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल की घोषणा..छह महीनों के भीतर सभी गाड़िया इलेक्ट्रिक

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के सभी विभाग अब सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करेंगे। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को इस बारे में घोषणा की। सिसोदिया ने कहा कि अगले छह महीनों के भीतर सभी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदल दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के बेड़े में 2,000 से ज्यादा कारें हैं। सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से देश और दुनिया के अन्य शहरों को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मामलों से निपटने के लिए प्रेरणा मिलेगी, जिसकी गंभीरता और तत्परता से जरूरत है।

आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने अगले तीन वर्षों में निजी वाहनों के मालिकों को इलेक्ट्रिक वाहनों में स्थानांतरित करने और अपने परिसर के भीतर चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। उप-मुख्यमंत्री के इसके एक दिन बाद यह घोषणा की।

सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा, “यह ऐतिहासिक पल है! दिल्ली को ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल कैपिटल’ बनाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विजन से प्रेरित, दिल्ली सरकार आज सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया में ऐसा करने वाली पहली सरकार बन गई, जिसने अपनी किराए पर लेनेवाले पूरे कार के बेड़े को इलेक्ट्रिक के साथ बदलने के लिए 6 महीने की एक समय सीमा तय की है। ‘स्विच दिल्ली’ की शुरुआत घर से होती है।”

उन्होंने कहा, “इस फैसले से 2,000 से ज्यादें कारें प्रभावित होंगी और अगले 6 महीनों में ईवी में परिवर्तित हो जाएंगी। हमें उम्मीद है कि यह निर्णय भारत और दुनिया भर के शहरों और सरकारों को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए प्रेरित करेगा और जिसकी गंभीरता और तत्परता से आवश्यकता है।” ।

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पिछले साल अगस्त में एक इलेक्ट्रिक वाहन नीति की शुरुआत की थी। इस नीति के तहत, उसने राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के पंजीकरण शुल्क, रोड टैक्स माफ करने और नई कारों के लिए 1.5 लाख तक का प्रोत्साहन देने का वादा किया था।

दिल्ली की ईवी नीति के तहत, चार पहिया वाहनों के 12 मॉडल को शामिल किया गया है जिनकी खरीद और स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि दिल्ली को उदाहरण मानकर, दुनिया के शहर यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग प्रदूषण को रोकने की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण एजेंडा है।

उन्होंने कहा, “स्थायी पर्यावरण से संबंधित चुनौतियों पर ध्यान देना जरूरी है। दिल्ली सरकार ने अपने अन्य प्रमुख एजेंडा के साथ पर्यावरणीय संकट को रोकने के मुद्दे को प्राथमिकता दी है।”

डीजल या पेट्रोल वाहन के मौजूदा बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की प्रगति की निगरानी करने के लिए दिल्ली का परिवहन विभाग नोडल विभाग होगा। सभी विभागों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे नोडल विभाग को हर महीने की 5 तारीख तक ईवी में बदलने की मासिक कार्रवाई रिपोर्ट भेजें।

उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोगों ने समय-समय पर हमारे पर्यावरण, हमारे शहर को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने की दिशा में प्रयास किए हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करना एक और कोशिश होगी कि हम सभी, दिल्ली के नागरिकों के रूप में, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे कि हम स्थिरता को हासिल करने की इस लड़ाई को जारी रखें।”

 

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