नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक औपचारिक अधिसूचना के माध्यम से वकीलों से कहा है कि वे कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अगले आदेश तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कोट और लंबे गाउन न पहनें। कोरोना ने न्यायपालिका को भी कामकाज के तरीके के साथ ड्रेस कोड बदलने पर मजबूर कर दिया है।
सफेद शर्ट और गले का बैंड पहने नजर आए मुख्य न्यायाधीश…
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार बुधवार को जजों ने बिना जैकेट, कोट और गाउन पहने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में व्हाट्सएप पेमेंट सर्विस को पूरी तरह बंद करने के मामले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई चल रही थी। मुख्य न्यायाधीश बोबडे और जस्टिस ऋषिकेश राय जैकेट, कोट और गाउन के बिना केवल सफेद शर्ट और गले का बैंड पहनकर सुनवाई कर रहे थे।
कपिल सिब्बल ने पूछा- पीठ ने गाउन क्यों नहीं पहना है…
इसपर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पूछा कि पीठ ने गाउन क्यों नहीं पहना है तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चिकित्सकों की राय मांगी थी। उनके मुताबिक भारी और फैलाव वाले कपड़ों से यह वायरस आसानी से फैलता है। इसीलिए हम केवल सफेद शर्ट और बैंड पहनकर ही सुनवाई कर रहे हैं।
आजादी के बाद न्यायपालिका में पहली बार बदला ड्रेस कोड…
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि हम वकीलों के लिए भी इस संदर्भ में विचार कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि ये परिधान नहीं पहनने चाहिएं क्योंकि ये आसानी से वायरस की चपेट में आ सकते हैं। आजादी के बाद न्यायपालिका में पहली बार ऐसा बदलाव हो रहा है। इसके बाद एक अन्य सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी सफेद शर्ट और बैंड लगाए नजर आए।
वकीलों के लिए भी अधिसूचना जारी…
शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल एस कालगांवकर द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘मेडिकल परामर्श को ध्यान में रखते हुए सभी को सूचित किया जाता है कि मौजूदा हालात में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के एहतियाती उपाय के रूप में सक्षम प्राधिकारी ने निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान सफेद बैंड के साथ सादी सफेद पैंट/सफेद सलवार-कमीज/साड़ी पहन सकते हैं।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट के साथ ही यह अधिसूचना अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन और उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स ऑन रिकार्ड एसोसिएशन के सचिवों के साथ साझा की जा रही है।
मुख्य न्यायाधीश की सवेरे टिप्पणी और शाम को इस बारे में अधिसूचना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि शीर्ष अदालत 25 मार्च से कोविड-19 महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है और उसने अगले आदेश तक के लिए प्रॉक्सिमिटी कार्ड के माध्यम से वकीलों और न्यायालय के स्टाफ का प्रवेश भी निलंबित कर रखा है।