रायपुर। विश्व सामाजिक मंच का अंतर्राष्ट्रीय समारोह 15 फ़रवरी से 19 फ़रवरी तक नेपाल की राजधानी काटमांडु में आयोजित हुआ।. विश्व सामाजिक मंच (वर्ल्ड सोशल फ़ोरम )में दुनिया भर के नागरिक समाज संगठनों ने हिस्सा लिया।.इस वैश्विक कान्फ्रेंस में विभिन्न वैचारिक बैठक, सांस्कृतिक कार्यक्रम , वर्कशॉप, प्रदर्शनी, और रैलियों के माध्यम से वैश्विकरण के समकालीन नज़रिए को चुनौती देकर एक वैकल्पिक भविष्य के विकास के लिए संयुक्त रूप से प्रयासों को समायोजित किया गया। काटमांडु के भृकुटी मंडप के विशाल मैदान पर , सामाजिक आंदोलनों, नागरिकों, ट्रेड यूनियनवादियों, बुद्धिजीवियों और विभिन्न समूहों ने आपस में मिल कर विचारों का आदान-प्रदान खुले रूप से किया । एकता परिषद के के संस्थापक पी वी राजगोपाल ने नेपाल भारत की सीमा पर पंद्रह किलोमीटर की पदयात्रा करके गौतमबुद्ध और महात्मा गांधी की सद्भावना का संदेश विश्व सामाजिक मंच के कार्यक्रम के शरूआत में दिया। छत्तीसगढ़ से डॉ सत्यजीत साहू के नेतृत्व में दोस्त ( डाक्टरस आन स्ट्रीट) और प्योर ( प्रोग्रेसिव युटिलाइजेशन ऑफ रिसर्च एंड इकानामिक्स ) की टीम ने विश्व सामाजिक मंच के विभिन्न बैठकों में हिस्सा लिया। एडवोकेट संतोष ठाकुर, सुनील शर्मा, भारती ठाकुर, स्वाति दुबे और सुरज दुबे ने जलवायु परिवर्तन, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण के वैचारिक बैठक में भाग लिया। विश्व सामाजिक मंच के नेपाल में आयोजित कान्फ्रेंस के विभिन्न कार्यक्रमों में पचपन देशों के चार हज़ार सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
नेपाल के विश्व सामाजिक मंच प्रमुख विचार के रूप में आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन, भूमि अधिकार, मानवाधिकार, और फ़िलिस्तीन के जनसंहार के मुद्दों पर रैलियों के माध्यम से वैश्विक संगठनों ने ज़ोरदार तरीक़े से अपने विचारों का प्रदर्शन किया।
नेपाल के इस कार्यक्रम में यह भी तय किया गया कि अगले वर्ष यह आयोजन केन्या में होगा जहां इस मंच के माध्यम से नवउदारवादी वैश्वीकरण और पूंजीवादी आर्थिक नीतियों का पुरज़ोर रूप से विरोध किया जायेगा।