न पूछो कहां पहुंचे,कहां ठहरे, हुआ क्या क्या…. हजारों दास्तानें हैं, वाबस्ता सफऱ के साथ….

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )   

केंद्र में तीसरी बार भाजपा की मोदी सरकार का बनना और करीब 20 राज्यों में भाजपा या उसके समर्थन की सरकारें बनने के पीछे निश्चित ही ‘संघ’ की बड़ी भूमिका रही है। वहीं आर एसएस यानी राष्ट्रीय़ स्वयं सेवक संघ,विजयादशमी को 99 साल का हो गया है और आरएसएस के शतायु होने की उल्टीगिनती शुरू हो गई है।आरएसएस की स्थापना 1925 में नाग पुर में हुई थी। अब नागपुर से निकला आरएसएस देश में छा चुका है। यहां तक कि दुनिया के कई देशों में भी शाखाएं हैं समर्थक हो या विरोधी सभी देश, समाज के महत्वपूर्ण मसले में संघ का विचार जानने व्यग्र रहते हैं, संघ के प्रभाव ने हिंदी के कुछ प्रचलित शब्दों को भी ऐसा बना दिया है,मानो वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए ही गढ़े गए थे।देश में किसान संघ,मजदूर संघ, कर्मचारी संघ, उपभोक्ता संघ से लेकर सैकड़ों तरह के संघ हैं।लेकिनअगर कहीं आप बिना खास संदर्भ में केवल संघ बोलेंगे तो सुनने वाले को लगेगा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बारे में बोल रहे हैं।

99 साल का सफऱ और
अभी तक 6 संघ प्रमुख..   

नौ दशकों में सिर्फ 6 संघ प्रमुख अभी तक बनेँ हैंऔर सभी की अपनी विशेषताएं हैं….!सरसंघ चालक यानी संघ प्रमुख। संघ में सबसे ऊपर हैँ ,वही दिशा-निर्देशन करते हैं। इनकी नियुक्ति मनोनयन द्वारा होती है,वही उत्तराधिकारी की घोषणा भी करते हैं।0संघ संस्था पक डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ‘डॉ साहब’ (कार्य काल-1925 से 1940) विशेषता- बड़ी सभाओं की बजाय छोटे समूहों के बीच बात रखते थे,कभी कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रह चुके थे,महत्वपूर्ण घटनाः1940 आते-आते संघ इस स्थिति में पहुंच गया था कि कोई नजरअंदाज नहीं करसकता था 0 माधव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी’ (कार्य कालः1940-1973) विशे षताःसबसे लंबा 33 साल का कार्यकाल, राष्ट्रीय स्तर का स्वरुप प्रदान किया।संघ का संविधान लिखा गया।महत्वपूर्ण घटनाएं: देश के विभाजन,गांधी की हत्या, संघ पर पहला प्रतिबंध।चीन युद्घ,पाक से 1971 का युद्घ।0मधुकर दत्तात्रय देवरस ‘बालासाहेब देवरस (कार्यकाल 1973-1993) विशेषताः सेवाकार्य को विशेष महत्व दे संघ कार्य को नई दिशा दी। राजनीति पर विशेष दृष्टि।महत्वपूर्ण घटनाएं: आपातकाल (19 75 -77),संघ पर दूसरी बार प्रतिबंध।जनता पार्टी की सरकार।1992 में राम मंदिर आंदोलन, संघ पर तीसरी बार लगा प्रतिबंध।0प्रो. राजेंद्रसिंह उर्फ़ ‘रज्जू भैया'(कार्यकालः1993-2000)विशेषताः पहले ऐसे संघ प्रमुख, पूर्ववर्तियों की तरह महाराष्ट्रियन ब्राह्मण नहीं थे।रज्जू भैया उप्र के निवासी थे। ये पहले संघ प्रमुख थे,जो विदेश गये थे, महत्वपूर्ण घटनाएं:पहली बार ही कोई भाजपा नेता पीएम बना।अटलजी केनेतृ त्व में पहली बार एनडीए की सरकार बनी।0 कृपा हल्ली सीतारमैया सुदर्शन ‘सुदर्शन’ (कार्यकालः 20 00- 2009) विशेषताः पह ले दक्षिण भारतीय,दूसरे गैर महाराष्ट्रीयन सरसंघ चालक राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का गठन।महत्वपूर्ण घटनाएं: शाखा पर होने वाले प्रातः स्मरण के स्थान पर एका त्मता स्तोत्र, एकात्मता मन्त्र को उन्होंने प्रचलित कराया 0डॉ.मोहन भागवत (कार्य कालः 2009-अब तक) वि शेषताः सबसे कम आयु के संघ प्रमुख बने, पिता संघ प्रचारक रह चुके हैं,यह बात पूर्व के संघ प्रमुख के साथ नहीं है।महत्वपूर्ण घटनाएं: संघ पर भगवा आतंकवाद का दंश लगा,पहली बार भाजपा लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई।

छ्ग में आखिर हो क्या
रहा है गृहमंत्रीजी…..?   

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार करीब 10 महीने पहले बनी, तब एक अति उत्साही युवा नेता पहली बार के विधायक विजय शर्मा को डिप्टी सीएम के साथ ही गृहमंत्री बनाया गया, ठीक है कि नक्सली क्षेत्र में जरूर उत्साहजनक नतीजे देखने मिले पर 31 नक्सलियों को ढेर करने के बाद जिस तरह विजय,सुर क्षाबलों को मिठाई खिलाने पहुंचे उसकी भी चर्चा रही? बलौदा बाजार में एक भीड़ द्वारा कलेक्टर,एसपीऑफि स में आगजनी, उनकेअपने कवर्धा जिले में ही जिन्दा जलाने की बड़ी घटना, हिरा सत में मौत एसपी,डीएम को हटाने की घटना चर्चा में रही तो हाल में ही सीएम विष्णुदेव के सरगुजा के सूरजपुर में जिस तरह एक पुलिस जवान पर कड़ाही से ख़ौलता तेल फेंककर जलाया गया, वाहन से दबाने का प्रयास हुआ,एक हवलदार की पत्नी, बेटीकी उसी के घर में हत्या, लाशों को कुछ किमी दूर फेकने की घटना कम से कम छ्ग के लिये तो नई है,सीएम के गृह जिले जशपुर में थाना निरीक्षक से कुछ लोगों ने मारपीट की,सरगुजा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है,यहां ग्रामीणों – पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो गई है, जिसमें 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं,जबकि 10 से ज्यादा ग्रामीण घायल हो गए हैं, मिली जानकारी के पुलिस के संरक्षण में परसाकोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही थी,तब सैकड़ों संख्या में ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे, इसी दौरान खूनी संघर्ष शुरू हो गया, तीर से भी कुछ पुलिस कर्मी घायल हो गये हैँ। इधर बिलासपुर या रायपुर हो, जिस तरह से चाकूबाजी, हत्याओं का दौर जारी है वह तो यहीं साबित करता है कि पुलिस का ख़ौफ़ अब नहीं रहा… कहीं फोन पर ऊपर से दिये जा रहे अनाप शनाप’निर्देश’ का प्रतिफल तो यह नहीं है…? सीएम, एचएम का ही क्षेत्र सुरक्षित नहीं है..? राजधानी,न्यायधानी की सुरक्षा व्यवस्था लचर है तो अन्य स्थानों की हालत का अंदाज लगाया जा सकता है…?

एमएलए पुत्र के खिलाफ
अंततः थाने में जुर्म दर्ज…..   

एक बेटे को दंगे में खोने, 7 बार के विधायक रविंद्र चौबे को पराजित करने वाले भाजपा के विधायक ईश्वर साहू के दूसरे बेटे के खिला फ जुर्म क़ायम हो गया है।छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है, लेकिन सत्तापक्ष के विधायक ईश्वर साहू के बेटे के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। साजा के विधायक ईश्वर साहू के बेटे कृष्णा साहू के खिलाफ पुलिस ने एफआई आर दर्ज कर ली है।आदि वासी समाज से प्रतिनिधि यों ने कृष्णा साहू पर मार पीट,गाली गलौज, अपमान जनक जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।आदिवासी समाज के अध्यक्ष का आरोप था कि थाना साजा के टीआई ने ईश्वर साहू के दबाव में रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार किया था, समझौता करने का सुझाव दिया था।पुलिस से सहयोग नहीं मिलने पर आदिवासी समाज ने डीएम और एसडीएम से मामले की शिकायत की ।कृष्णा साहू के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किये जाने कि स्थिति में आंदोलन की चेता वनी दी थी। वहीं, प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा था जिसके बाद प्रकरण को तूल पकड़ता देख अंततः कृष्णा साहू के खिलाफ साजा थाना में बीएनएस की धारा 296,115 (2), 351(3), 3(5), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

और अब बस……

0रायपुर दक्षिण विस से ब्राम्हण प्रत्याशी बनाने की मांग पर टिप्पणी.. कान्य कुब्ज, सरयूपारी, छत्तीस गढ़ी किसे बनायेँ प्रत्याशी?
0 सूरजपुर जिले में हाल ही में हुए इस दोहरे हत्याकांड के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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