उज्जैन महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान नेताओं और पुजारियों के बीच विवाद…मुख्यमंत्री से की शिकायत

उज्जैन :पवित्र श्रावण मास में शिव मंदिरों में पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन कोरोना को देखते हुए आम श्रद्धालु और वीआईपी का प्रवेश प्रतिबंध रखा गया है। लाइव प्रसारण के माध्यम से लोग दर्शन कर रहे हैं।

वहीं, मध्यप्रदेश के उज्जैन में भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उनके पुत्र व विधायक आकाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला को भस्म आरती से ठीक पहले महाकाल दर्शन कराने को लेकर मुख्य पुजारियों को रोक दिया गया, इसको लेकर पुजारियों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के चलते भस्म आरती करीब आधे घंटे देर से शुरू हुई। नेताओं और पुजारियों के बीच जारी विवाद का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

पुजारियों को गेट पर रोका गया, सीसीटीवी कैमरे भी बंद…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों नेता शुक्रवार सुबह महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे और उनके आते ही मंदिर प्रशासन ने सभी दरवाजे बंद कर दिए। बताया जा रहा है कि इस दौरान सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए गए थे। सुबह 4 बजे भस्म आरती करने जब मुख्य पुजारी अजय और दूसरे पुजारी गेट नंबर चार पर पहुंचे तो उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया गया। हालांकि, कुछ देर बाद पुजारियों को अंदर जाने दिया गया। पुजारी अजय ने यहां तैनात वाणिज्यिक कर अधिकारी दिनेश जायसवाल से रोकने की वजह पूछी तो वे साफ-साफ बताने से इनकार कर दिए।

मंदिर में भी वीआईपी! महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सभी वीआईपी और आम श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन के लिये पुजारियों तक को रोक दिया गया और आपको लगता है धर्म की ध्वजा उठाती है
वायरल वीडियो में पुजारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है,’ कैलाश जी, मेंदोला जी पुजारियों को आपके कारण नीचे आने नहीं दिया जा रहा है, क्या आप इस बारे में कुछ कहेंगे। इस दौरान रमेश मेंदोला मीडिया से बचकर निकलते दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच पुजारियों ने कैलाश विजयवर्गीय के साथ आकाश और रमेश मेंदोला को देखा तो वे नाराज हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही है।

 

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