{किश्त 52}
भेड़ा(अमारी)भाजी का
शरबत और पावडर….?
मशहूर फिल्म अभिनेता, अभिनय की पाठशाला दिलीप कुमार(मो. युसूफ खान)का निधन 98 साल की उम्र में हो गया,’ट्रेजरी किंग’ के नाम से विख्यात, फ़िल्म इंडस्ट्रीज के पहले खान दिलीपकुमार अवि भाजित भारत के पेशावर अब पाक)में 11 दिसंबर 1922 को जन्मे थे। 1944 अर्थात उम्र के 22वें साल में ज्वारभाठा से उन्होंने फिल्म जगत में प्रवेश किया था। उनके खाते में कई बेहतरीन फिल्में तथा बेहतरीन गाने आज भी सदाबहार बने हुये हैं।….उड़े जब जब जुल्फें तेरी… (नया दौर)… सुहाना सफर और ये मौसम हंसीँ…(मधुमती)…यह देश है वीर जवानों का…(नया दौर).. इमली का बूटा.. (सौदागर) दिल दिया हैजां भी देंगे..(कर्मा)…ऐ मेरे दिल कहीं और चल..(दाग) छोटी सी उम्र में लग गया रोग…(बैरागी) आदि आज भी लोकप्रिय हैं।दिलीप कुमार के छग आने की पुष्टि तो नहीं हो सकी है पर छग के पूर्व कबीना मंत्री विद्याचरण शुक्ल तथा आदिवासी नेता अरविंद नेताम से उनके रिश्ते रहे हैं। विद्या भैय्या से तो उनके अच्छे रिश्ते थे जब भी वे दिल्ली आते थे तो उनसे जरूर मिलते थे….प्रसिद्ध अधिवक्ता, विचारक, लेखक कनक तिवारी ने भी इसका उल्लेख अपने लेखों में किया है,उनसे विद्या भैया के निवास में मुलाक़ात भी की है।वहीं अरविंद नेताम की मानें तो दिलीप साहब से पहली मुलाक़ात दिल्ली-बम्बई फ्लाइट में हुई थी, तब नेताम केंद्र में राज्य मंत्री थे। उनकी खेल पर विशेष रुचि थी,उस मुलाक़ात के बाद दिल्ली, बम्बई में मुलाक़ात का सिलसिला चलता रहा। वे छत्तीसगढ़ ख़ासकर बस्तर के बारे में जानकारी लेते रहते थे। दिलीप कुमार को बस्तर की भेड़ा भाजी (अमारी भाजी)का शरबत बहुत पसंद था,वे दिल्ली जब भी आते थे तो इस भाजी का पावडर नेताम से मांग कर जरूर ले जाते थे। बहरहाल छग से तो नहीं पर जबलपुर से जरूर उनका गहरा नाता था।कला कार प्रेमनाथ का घर जबलपुर में ही था,उनके पिता पुलिस अधिकारी थे…(जबलपुर में एक टाकीज भी उनकी थी एम्पायर सिनेमा)जब प्रेम नाथ का विवाह जबलपुर से 1952 में हुआ था तब पृथ्वीराज कपूर,राजकपूर के साथ दिलीप कुमार भी बाराती बनकर आए थे। तब की एक पुरानी फोटो मिली है,इस पुराने चित्र में प्रेमनाथ घोड़े पर सवार हैं और घोड़े की लगाम पकड क़र राजकपूर के साथ ही दिलीप कुमार भी दिखाई दे रहे हैं। ज्ञात रहे कि प्रेमनाथ का विवाह प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री बीनाराय से हुआ था,वहीं प्रेमनाथ की बहन कृष्णा का विवाह राजकपूर के साथ हुआ था।