छ्ग की हीरा खदान और सालों से कोर्ट का स्थगन ..

{किश्त102}

छत्तीसगढ़ के विषय में पहले सीएम अजीत जोगी कहा करते थे ‘अमीर धरती गरीब लोग’। फिर हम केंद्र सरकार की दया पर क्यों निर्भर रहें…? छत्तीसगढ़ को अपने पैरों पर खड़ा करके आत्मनिर्भर बनाने हीरा प्रमुख भूमिका निभा सकता है,पर इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।छ्ग को प्रकृति ने बड़ी फुरसत से गढ़ा है।44 फीसदी क्षेत्र वनों से परिपूर्ण है।यहां हीरा की किम्बर लाईट पाईप होने की पुष्टि हो चुकी है।गरिया बंद के मैनपुर क्षेत्र में हीरा की मातृशिला किम्बरलाइट की 6 पाईप लाईन बेहरा डीह,पायलीखंड,जांगड़ा और कोरोमाली,कोसमबुड़ा एवं बेहराडीह क्षेत्रों में होने की संभावना प्रकट की गई है।बेहराडीह और पायलीखंड में तो किम्बर लाइट पाईप में हीरा होने की पुष्टि भी हो गई है। वैसे राज्य के पहले सीएम अजीत जोगी के कार्यकाल में 2002-2003 में एक निजी कंपनी केहीरा पूर्वेक्षण खनन लायसेंस को निरस्त कर दिया गया था, तब संबंधित कंपनी ने उच्च न्यायालय बिलासपुर से स्थगन ले लिया था।उसके बाद प्रदेश में 15 साल तक एक ही पार्टी भाजपा की सरकार रही, डॉ. रमन सिंह ही सीएम रहे, बिलासपुर हाईकोर्ट में इस मामले में पेशी दर पेशी चलती रही…!15 साल की भाजपा की सत्ता के बाद 68 (उप चुनाव के बाद 71) सीटे जीतकर भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार बनी थी।पूरे 5 साल सरकार चली पर हीरा पूर्वेक्षण के मामले में न्यायालय में कुछ प्रगति नहीं हुई…? छग राज्य बना था तो इसे करमुक्त राज्य बनाने का सपना दिखाया गया था, उसका क्या हुआ? भूपेश सरकार ने किसानों की उन्नति के लिए कुछ बड़े कदम उठाये,आदिवासियों की उन्नति के लिए प्रयास तेज किये थे,उन्हें विरासत में खराब आर्थिक स्थिति प्रदेश की मिली थी फिर कोरोना संक्रमण,लॉक डाऊन के चलते आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ गई थी,भूपेश सरकार लगातार केन्द्र की मोदी सरकार से आर्थिक पैकेज मांग करती रही,पर प्रदेश में कांग्रेस और केंद्र में भाजपा की सरकार होने से अपेक्षित सहयोग प्रदेश सरकार को नहीं मिला…?अब भाजपा की विष्णुदेव सरकार सत्ता में काबिज है,छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाने गर्भ में छिपा हीरा बड़ी भूमिका निभा सकता है।सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर 20 सालों से बिलासपुर उच्च न्यायालय में लंबित हीरा मामला किस स्थिति में है, निराकरण में आखिर क्या दिक्कतें है….?नई सरकार को चाहिये कि कुछ बड़े वकीलों का पैनल बना कर इस लंबित मामले का निराकरण करे,इसके लिए व्यक्तिगत रूचि भी लेनी ही होगी…।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *