पंजाब में पंचायतों का फरमान, हर घर से किसान आंदोलन में पहुंचे, जो नहीं जाएगा उस पर लगाया जाएगा जुर्माना

पंजाब : हरियाणा और उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों के बाद पंजाब की पंचायतें भी किसान आंदोलन को तेज करने में जुट गईं हैं। बठिंडा के गांव विर्क खुद के बाद कई और गांवों में पंचायतों ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रस्ताव पास किए हैं। प्रस्ताव में हर घर से लोगों को आंदोलन में जाने का आह्वान किया गया है और जो नहीं जाएगा उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं जुर्मान न देने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

फरीदकोट जिले के गांव पक्खी कलां व डोड की पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर गांव के लोगों को बारी-बारी से किसान आंदोलन में जाने का आह्वान किया है। गांव पक्खी कलां की पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर फैसला लिया है कि गांव से हर सप्ताह 18 लोग दिल्ली जाएंगे और जो दिल्ली नहीं जाएगा उस पर पांच हजार जुर्माना लगाया जाएगा।

जुर्माना न देने वाले का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसी तरह गांव डोड की पंचायत ने भी हर पांच दिन के भीतर 15 लोगों को भेजने का फैसला किया है और पंचायत का आदेश न मानने पर 1500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। पंचायत ने जुर्माना न भरने वालों लोगों के बहिष्कार की चेतावनी दी है।  उधर, फिरोजपुर के दिलाराम गांव में किसान नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिस पर सभी के हस्ताक्षर करवाए गए हैं।

गांव के लोगों को किसान आंदोलन में शामिल होने दिल्ली की सीमाओं पर जाना है। जिन किसानों के पास ट्रैक्टर-ट्राली है, उनकी बारी कब आएगी, इस संबंध में पर्ची डाली गई। जो किसान अपनी बारी पर दिल्ली नहीं जाएगा, उसे पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, यदि जुर्माना नहीं अदा करेगा तो उसका गांव में बहिष्कार किया जाएगा। सभी ने इस पर सहमति जताई है। बठिड़ा जिले के विर्क खुर्द, कराड़वाला व मानसा जिले के नंगलकला और बरनाला जिले के ढिलवां गांव के लोगों ने भी पंचायत के साथ मिलकर सहमति से एक प्रस्ताव पास किया है।

इसमें कहा गया कि अगर कोई किसान या उसका परिवार आंदोलन में न जाने के लिए बहानेबाजी करेगा तो उस पर 1500 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। गांव विर्क खुर्द की सरपंच मनजीत कौर के बेटे जगजीत सिंह ने बताया कि 26 जनवरी के बाद कुछ चैनल अफवाह फैलाकर किसान आंदोलन को फेल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को पहले से भी ज्यादा मजबूत करने के लिए गांव के लोगों ने पंचायत से मिलकर आपसी सहमति से पास किया है।

 

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