बसन्त चन्द्रा, डभरा । जांजगीर-चांपा जिले के अंतिम छोर में बसे डभरा तहसील कार्यालय जिसके अंर्तगत. तीन तीन बड़े पावर प्लांट संचालित हैं यह तहसील कार्यालय भवन मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। बे मौसम बरसात में रही सही कसर भी पूरी कर डाली।
जी हां हम बात कर रहे हैं डभरा तहसील कार्यालय भवन की जहां मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मात्र एक खंडहर स्वरूप भवन बचा है न तो पानी पीने की व्यवस्था है और ना ही शौचालय की व्यवस्था है यहां लगभग प्रतिदिन 500 से 1000 की तादाद में लोग अपना जाति निवास अथवा अन्य कार्यों के लिए प्रतिदिन आते हैं परंतु जहां मूलभूत सुविधाओं का नामोनिशान नहीं जबकि देखा जाए तो जांजगीर-चांपा जिले में सबसे ज्यादा आवक वाला क्षेत्र कहा जा सकता है तो डभरा तहसिल क्षेत्र है यहां बैठने वाले अधिकारी सिर्फ अपने लिए ही सोचते हैं यहां आने वाले जनता के बारे में कभी नहीं सोचते,,,,तभी तो इतने सालों से यहां सुविधाएं नही मिल सका ,,, बताया जाता है कि तहसील कार्यालय भवन आज भी लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ है परंतु नहीं इस भवन का कभी मरम्मत तक नही किया गया है और ना ही कभी रंगाई पुताई किया जाता है डभरा तहसील अंतर्गत तीनों पावर प्लांट के सीएसआर मद का पैसा जिला जांजगीर-चांपा में खर्च किया जा रहा है,, या यूं कहिए कि जांजगीर चांपा जिला कार्यालय जाता है आज दिनांक तक सीएसआर मदद से इस तहसील कार्यालय मे ना तो लोक निर्माण विभाग द्वारा कभी खर्च किया गया है और ना ही सीएसआर मत से खर्च किया गया,,, आज मौसम खराब होने की वजह से बारिश होते ही तहसील कार्यालय परिसर कीचड़ और पानी से भर गया जहां लोगों को आने जाने में भी परेशानी हो रही है ,,चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र का सबसे पुराना तहसील कार्यालय डभरा ही है जब से बना है तब से लेकर आज तक इस भवन का मरम्मत सही तरीके से नहीं हो सका इसे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की निरंकुशता कह सकते हैं या फिर जिला अधिकारियों का सौतेला व्यवहार भी कह सकते हैं आज डभरा तहसील क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही है पता नहीं कब इस अधूरे भवन को इसका हक मिलेगा और यह पुनः भवन की तरह दिखेगा।
बी० आर० डहरीया,,( प्रभारी तहसीलदार – डभरा )
हमारे द्वारा पत्र लिख कर सम्बंधित विभाग कॊ समस्या से अवगत कराया जा चुका है पर आज तक सार्थक पहल उनके द्वारा नही किया गया है।