म्यांमार : म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर की गई फायरिंग में एक दिन पहले ही 18 लोगों की मौत होने के बावजूद प्रदर्शनकारी देश के सबसे बड़े शहर यंगून की सड़कों पर जमे हुए हैं। जबकि राजधानी नेपीता में देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सोमवार को एक अदालत ने कथित रूप से अशांति फैलाने के आरोप लगाए हैं।
बता दें कि 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से आंग सान सू की को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है क्योंकि उन्हें देश के कई नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया है। इससे पहले भी अदालत में एक पेशी के दौरान सू की पर संचार उपकरण (रेडियो सेट) के अवैध आयात के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद उन पर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल को तोड़कर प्राकृतिक आपदा कानून के उल्लंघन का आरोप जोड़ा गया। सोमवार को म्यांमार की नेता सू की पर अशांति फैलाने की दंड संहिता की धारा 505 (बी) के तहत आरोप लगाए गए। सैन्य तख्तापलट के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए स्टन ग्रेनेड, आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े…
यंगून में प्रदर्शनकारी लेदान सेंटर चौराहे पर जुटने का प्रयास कर रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ना शुरू कर दिया। पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारी घटनास्थल से इधर-उधर भागते हुए और गैस के प्रभाव से बचने के लिए चेहरे के धुलने का प्रयास करते हुए दिखे।
क्याव को किया बर्खास्त
स्रंयुक्त राष्ट्र में म्यांमार की सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाली म्यांमार की राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने विश्व समुदाय से सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की गुहार लगाई थी।