रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन संगठन के तत्वाधान में अनिश्चितकालीन हड़ताल आज तीसरे दिन भी अनवरत जारी रही। इस बीच मानवता को जीवित रखने एवं कोविड से छत्तीसगढ़ की जनता के रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा कल एक प्रस्ताव पत्र के माध्यम से मिशन संचालक को दिया गया था, जिसमे एनएचएम के संविदा कर्मचारियों ने निःस्वार्थ एवं निःशुल्क वालेंटियर के रूप में अपनी सेवाओं को केवल कोविड सेंटर्स में देने की अनुरोध पत्र दिया था।
परन्तु आज मानवता के संदेश को वर्तमान प्रशासन और शासन के बीच मे अड़ियल रवैये का रुख अपनाते हुए, दरकिनार कर दिया गया एवं कानूनी कार्यवाही तथा सेवा से बर्खास्तगी हेतु पत्र भी मिशन संचालक द्वारा जारी कर दिया गया।
शासन और प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था में पूरी तरह से विफल हो चुकी है,जिसकी परिणीति छत्तीसगढ़ की आम जनता पहले तो अपने इलाज के लिए जूझ रही वहीं दूसरी तरफ इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण हो रहे प्रशासनिक अव्यवस्था और विफलता को छुपाने के लिए रायपुर समेत कई बड़े जिलों में सम्पूर्ण लॉक डाउन पूरे तरीके से कठोरतम स्वरूप में लगाई जा रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने आज तीसरे दिन भी लगातार अपने आंदोलन को धार देने में लगे हुए थे, जिसमे उन्हें व्यापक समर्थन मिल रहा है। आज भी विभिन्न अनियमित कर्मचारी संगठनों, सामाजिक संस्थाओं, जन समितियों एवं वर्तमान विधायकों द्वारा एनएचएम के संविदा कर्मियों को नियमितीकरण करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया गया, और प्रशासन द्वारा कोई भी बर्खास्तगी अथवा कानूनी नही करने की समझाइश भी दिया गया।
कोरोना काल मे 13000 एनएचएम कर्मियों के हड़ताल को हरसंभव कूटनीतिक, राजनैतिक दवाब डाल कर, स्थानीय स्तर में धमकी चेतावनी डालकर बाधित करने का प्रयास हो रहा है, जिससे कि हड़ताली कर्मचारियो में अत्यधिक रोष उत्तपन्न हो रहा है। शासन और प्रशासन बीच का रास्ता या संवाद हड़ताली कर्मचारियो के साथ करने के पक्ष में नजर नही आ रही है। अब आगे यह देखना होगा कि किस हद्द तक शासन, प्रशासन और हड़ताली कर्मचारी जाते है!!