नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन के विकास में वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए दुनिया को इससे अवगत कराने की पहली पहल की है। इसके तहत दिल्ली से 64 देशों के राजदूतों को हैदराबाद स्थित प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक एवं बायोलॉजिकल ई ले जाया गया है। राजदूतों ने नई दिल्ली से विमान से हैदराबाद ले जाया गया।
190 देशों के मिशनों को जानकारी दी थी…
सरकारी सूत्रों ने बताया कि करीब एक महीने पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने 190 से ज्यादा देशों के राजनयिक मिशनों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कोविड-19 वैक्सीन के विकास से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की ‘कोविड-19 ब्रीफिंग’ पहल के तहत ही भारत में विदेशी मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद का दौरा कराया जा रहा है।
दूसरे शहरों में भी जाएंगे राजनयिक…
सूत्रों ने कहा कि विदेशी राजनयिकों को अन्य शहरों में भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी से निपटने में वैश्विक प्रयासों में अहम योगदान दे रहा है। सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘भारत के वैक्सीन विकास के प्रयास में काफी रुचि ली जा रही है। 60 से ज्यादा मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद की प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई का अवलोकन कराया जाएगा। उधर, कोरोना महामारी का कहर दुनियाभर में जारी है। विश्व में अब तक इस महामारी के 6.8 करोड़ मामलों की पुष्टि हुई है और कम से कम 190 देशों में अब तक 15 लाख से ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोविड-19 से निपटने के लिए कई वैक्सीनों पर काम चल रहा है लेकिन ध्यान उनके उत्पादन पर है।
भारत पहले ही घोषणा कर चुका है कि उसके वैक्सीन के उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग कोविड-19 महामारी से लड़ने में मानवता की मदद करने के लिए किया जाएगा और वह अन्य देशों की कोल्ड स्टोरेज चेन तथा भंडारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है भारत…
सूत्रों ने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, ‘भारत के वैक्सीन उत्पादन और आपूर्ति की क्षमता का इस्तेमाल इस संकट से लड़ने में समूची मानवता की मदद के लिए किया जाएगा।’