भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने वैश्विक महामारी ‘कोरोना संक्रमण के कहर’ से जूझ रहे समूचे देश में निरंतर बढ़ रही मरीजों,मृतकों की संख्या व अथक प्रयासों के बाद भी स्थिति नियंत्रित न होने पाने पर चिंता जाहिर की है। यादव ने इस बाबद केंद्र द्वारा आवंटित सहायता राशि को भी ‘ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं’ बताते हुए इसमें बढ़ोत्तरी की मांग की है।
यादव ने कहा कि वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष – 2020-2021 में 30,42,230 करोड़ रु. का बजट बताया है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 15,000 करोड़ की राशि सहायता राशि स्वीकृत की है,जो महामारी की भयावहता को देखते हुए कुल बजट का 1 प्रतिशत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी 1अरब 35 करोड़ है,यानी राज्यों में प्रति व्यक्ति 11/- रु.(भ्रष्टाचार छोड़कर)खर्च किये जायेंगे,जबकि एक मास्क की कीमत ही 40 से 50 रु. है!! इसीप्रकार भारतीय गणतंत्र में 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, यदि 15000 करोड़ रु.की उक्त सहायता राशि इन 36 राज्यों,केंद्र शासित प्रदेशों में समान रूप से आवंटित की जाती है तो प्रत्येक राज्य को 411 करोड़ का आवंटन होगा,इतनी राशि से तो राज्य 300 वेंटिलेटर भी क्रय नहीं कर सकते हैं?
उन्होंने ने यह भी कहा कि पिछले वित्त वर्ष में केंद्र ने 200 उद्योगपतियों को 1.40 लाख करोड़ की राहत देते हुए आयकर में छूट प्रदान की थी और इस वर्ष बेकाबू कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में प्रति व्यक्ति सिर्फ 11/- रु.???
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वे कृपाकर ताली-थाली,लाइट बंद, दीये,मोमबत्ती जलाने जैसे अनुपयोगी संदेशों से इतर कोरोना के कहर को थामने के लिए अन्य ठोस,सख्त व कारगर कदम अमल में लाएं,पर्याप्त सहायता राशि आवंटित करें ताकि बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण से मरीजों,मृतकों की उत्तरोत्तर बढ़ रही संख्या की जल्द थामा जा सके।