भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह बेहद दुखद है की पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में प्रवेश होते ही उनका अपमान भी शुरू हो गया है, कांग्रेस में बेहद सम्मानित रहे श्री सिंधिया को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विभीषण बताया जाना इस बात का सूचक है कि श्री चौहान सहित पूरी भाजपा, अभी भी उनको गद्दार ही मानती है। क्या यही वह “सम्मान” है जिसकी तलाश में महाराज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए हैं?
अपने वक्तव्य में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा की धनबल और बाहुबल का सहारा लेकर भाजपा और उसकी फासीवादी केंद्र सरकार, विभिन्न प्रदेशों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई गैर भाजपा सरकारों को अपदस्थ करना चाहती है। भाजपा द्वारा बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाकर रखना और उनके परिजनों को भी उनसे मिलने न देना, लोकतंत्र की हत्या का जीवंत प्रमाण है और इससे साफ जाहिर हो गया है कि भाजपा सत्ता के मद में संवैधानिक मर्यादाओं, लोकतांत्रिक परंपराओं और राजनैतिक शुचिता की हत्या करने पर आमादा है।
श्रीमती ओझा ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी को चाहिए कि वह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम रखते हुए जनमत का आदर करे और कांग्रेस के विधायकों को अपनी कैद से मुक्त करे, जिससे वे अपने परिवारजनों से मिल सकें और अपना वास्तविक अभिमत बेखौफ होकर प्रकट कर सकें।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि यदि विधायकों द्वारा प्रेषित तथाकथित इस्तीफे असली हैं तो फिर भाजपा को किस बात का डर है? वह उनके अभिमत को जाहिर होने से क्यों रोकना चाहती है? वह विधायकों के परिवारजनों को उनसे मिलने क्यों नहीं दे रही है? इन सारे प्रश्नों के जवाब प्रदेश की वह जनता भाजपा से जानना चाहती है, जिसने सवा साल पहले भाजपा के “जंगलराज” को खत्म कर, उसे विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है।