भोपाल। कॉग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। श्री दुबे ने कहा कि प्रजातंत्र में भरोसा बाज़ार से खरीदा नहीं जा सकता , उसे कमाना पड़ता है। विश्वसनीयता की कसौटी पर परख कर मतदाता अपना भरोसा कायम करता है।
शिवराज-महाराज ने सरकार तो बनाई मगर मतदाताओं के भरोसे का सौदा करके । अब 25 छेदों वाली नाव में सवार भाजपा सरकार जानती है कि नाव मझधार में फँसी है और उसे उपचुनाव के भँवर में डूबना ही है । इसलिए सत्ता की चाशनी में आकंठ डूबी मंत्री इमारती देवी जी मतदाताओं को कलेक्टरों की धौंस दे रही हैं ।
ख़ैर , हार की कगार पर खड़े ,टके में बिके लोगों को दोहरा भय सता रहा है। एक तो मतदाताओं में जबरदस्त गुस्सा है , दूसरा कमलनाथ का व्यक्तित्व जिसकी मतदाताओं पर गहरी छाप है। कमलनाथ के पूरे कार्यकाल को देखें या अब उपचुनावों की बात करें तो कमलनाथ जी का पूरा प्रचार अभियान विकास केंद्रित है ।वे प्रदेश के भविष्य की असीम संभावनाओं का रेखाचित्र खींच कर चुनाव में जा रहे हैं और दूसरी ओर महाराज-शिवराज का पूरा दुष्प्रचार कमलनाथ केंद्रित है। हर सभा के हर भाषण में शिवराज “ऐ कमलनाथ”,”सुन बे कमलनाथ ” का संबोधन कमलनाथ को देते हैं। 14 वर्षों तक जो व्यक्ति मुख्यमंत्री रहा हो और वो इतना अमर्यादित आचरण करे तो समझ लीजिए कि न तो उसके पास विकास की उपलब्धियाँ हैं, न विरासत के संस्कार । जैसे जैसे शिवराज-महाराज में निराशा बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे उनके संस्कार बाहर आ रहे हैं । उन्होंनेे ने कहा कि ख़ैर, कमलनाथ की एक गौरवशाली और वैभवशाली विरासत है,इसलिए वे हमेशा मर्यादित आचरण करते हैं । 15 माह की उपलब्धियाँ और भविष्य की असीम संभावनाओं का उल्लेख करते हैं । अंततः ,शिवराज – महाराज ग्वालियर में कमलनाथ के पोस्टर तो उखाड़ सकते हैं, मगर उन्हें जनता के दिल से नहीं निकाल सकते ।