रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ के दुनिया के सबसे उच्च शिखर पर कदम रखने वाली छग की पहली महिला पर्वतारोही के खिताब के लिए बधाई, शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, यह राज्य के लिये गौरव का विषय है, इससे छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय-अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नयी पहचान मिली है।
बतादें कि, जान जोखिम में डाल बस्तर की नैना ने फतेह की एवेरेस्ट चोटि वही चोटिल नैना को रेस्क्यू कर पर्वतारोही याशी जैन ने किया खेल भावना का प्रदर्शन
खबर काठमांडू नेपाल से है, हम छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहावत तब चरितार्थ हो गई जब नेपाल में हमारी प्रदेश की जगदलपुर की पर्वतारोही नैना धाकड़ माउंट एवरेस्ट फतह करने के प्रयास में अत्यधिक थकान के कारण बीमार हो गई थीं और जैसे ही पर्वतारोही याशी जैन को यह पता चला तो बिना समय खोये वो पर्वतारोही नैना की सकुशल वापसी मे जुट गईं । ज्ञातव्य है कि, याशी जैन अपने दो प्रयासों के बावजूद माउंट एवरेस्ट पर फतह नहीं कर पाई थी और दोनो बार माऊंट एवरेस्ट के टाँप से कुछ ही दूरी से खराब मौसम के कारण लौटना पडा था। और बेस कैम्प से भी कई मुश्किलों के बावजूद सुरक्षित काठमांडू आ गई थी, और शीघ्र ही रायगढ़ छत्तीसगढ़ लौटने वाली थी ।
जबकी पर्वतारोही नैना धाकड अपने एक्सपिडीसन को पूरा करने की तैयारी कर रही थी और याशी काठमांडू से लगातार पर्वतारोही नैना के एक्सपीडिशन पर नजर रख रही थी । दिनांक 01/06/21 की सुबह नैना का एक्सपिडीसन पूर्ण हो जाना था और टाँप पर पहुंच जाना था, परंतु दोपहर तक जब कोई न्यूज़ नहीं आई तो याशी चिंतित हो गई और नैना की कंपनी से लगातार संपर्क की कोशिश करने लगी । बड़ी मुश्किल से लगभग दोपहर 2 बजे याशी को पता चला कि नैना अत्यधिक थकान के कारण बीमार हो गई है और माउंट एवरेस्ट से नीचे आने की हिम्मत नहीं कर कर पा रहीं हैं। इस तरह याशी ने सच्ची खेल भावना दिखाई और साबित किया कि हममें आपसी प्रतिद्वंदिता कितनी भी हो पर छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया है और हम एक दूसरे की मदद को हमेशा तत्पर रहते हैं ।