छुट्टियां मनाएं, लेकिन सावधानी जारी रहे : प्रवीण कक्कड़

               ( लेखक एक पूर्व अधिकारी हैं )           
क्रिसमस और न्यू ईयर का वक़्त करीब आ रहा है। साल का यह ऐसा समय होता है, जब लोग वर्ष भर की थकान मिटाकर कुछ वक्त परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियां बिताते हैं। बहुत से स्कूलों में बच्चों की विंटर वेकेशन भी शुरू हो जाती हैं।
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में जिस तरह से होटल और दूसरे पर्यटन केंद्रों में बुकिंग हुई है, उससे पता चलता है कि 2 साल तक लॉकडाउन और दूसरी समस्याओं से घिरे रहने के बाद लोग अब खुलकर सैर सपाटा करना चाहते हैं।
कुछ नई फिल्मों की जिस तरह से बुकिंग हुई है, उससे पता चलता है कि लोग अब मनोरंजन के बारे में पहले से ज्यादा इच्छुक हो रहे हैं। यह कोई असामान्य बात नहीं है। लंबे समय तक बंधनों में रहने के बाद खुलकर घूमने का मन किसका नहीं होता।
लेकिन हमें यह बात अच्छी तरह से ध्यान रखनी है कि पिछली बार जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तो वह होली से ठीक पहले का वक्त था। लोग जब प्रेम और सौहार्द के पर्व में एक दूसरे से मिलजुल रहे थे, तब चुपके से उनके साथ कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा था। हम सबने देखा कि होली के ठीक बाद अप्रैल, मई और जून तीन महीने तक पूरा देश कोरोना की भयानक लहर की चपेट में रहा।
इस बात का जिक्र इसलिए नहीं किया जा रहा है कि छुट्टियां मनाने का आपका मूड खराब किया जाए। यह जिक्र सिर्फ इसलिए किया जा रहा है कि एक बार देश में फिर से वह ओमीक्रोन के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। अभी यह मामले इतने ज्यादा तो नहीं है कि बहुत ज्यादा अलार्म होने की आवश्यकता हो लेकिन सावधानी की आवश्यकता तो निश्चित तौर पर है।
इसलिए जो जश्न हम मनाएं, उनमें कोविड प्रोटोकॉल का जहां तक हो सके पालन करें। बहुत ज्यादा आवश्यक ना हो तो सार्वजनिक परिवहन से लंबी यात्राएं ना करें। पर्यटन स्थलों पर एक साथ बहुत ज्यादा भीड़ भाड़ इक्कट्टी करना भी इस समय जोखिम भरा है।
हो सके तो परिवार और मित्रों के साथ छोटी गैदरिंग में ही क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां बिताई जाएं। वैसे भी हम सब आशा कर रहे हैं कि कोरोनावायरस का ओमीक्रोन वैरीअंट डेल्टा वैरीअंट की तरह खतरनाक नहीं होगा। अगर हम लोग कुछ समय के लिए और अपने ऊपर बंदिशें आयद कर लें तो प्रशासन को प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा और लॉकडाउन या दूसरी तरह की स्थितियों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आप सब तो वह कहावत जानते ही हैं कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। तो हमें किसी भी तरह की बीमारी संबंधी दुर्घटना से बचना है और नए साल 2022 का खुले दिल से स्वागत करना है। मनोरंजन के ऐसे बहुत से तरीके हैं, अभिव्यक्ति के ऐसे बहुत से मौके हैं, जिनमें हम भीड़ भाड़ में जाए बिना जश्न मना सकते हैं। घरेलू तरीकों के अलावा ऑनलाइन मुलाकातें और ऑनलाइन बातचीत अब भी एक विकल्प है, जिसे छोड़ने का वक्त अभी नहीं आया है। आप सबको क्रिसमस की बहुत-बहुत मुबारकबाद। छुट्टियां मनाइए जश्न मनाइए। खुश रहिए। सतर्क रहिए। सावधान रहिए।

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