नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट का बृहस्पतिवार को कहा कि वह खुश है कि सीबीएसई और आईसीएसई कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अब सीबीएसई और आईसीएसई से आंतरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित मानकों के बारे में जानना चाहा है। पीठ ने सीबीएसई और आईसीएसई को इस संबंध में दो सप्ताह में दिशा-निर्देश लाने के लिए कहा है।
सीबीएसई की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ को जानकारी दी कि एक जून को सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है। वेणुगोपाल ने कहा कि दो हफ्ते में आंतरिक मूल्यांकन के लिए मानक निर्धारित कर दिए जाएंगे। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी। मालूम हो कि सीबीएसई के बाद आईसीएसई ने भी 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया था।
वहीं, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ममता शर्मा ने पीठ से कहा कि कुछ राज्य बोर्ड अभी भी परीक्षाओं को लेने जा रहे हैं। इस पर अदालत ने वकील को धैर्य रखने के लिए कहा। पीठ ने कहा, ‘हमारे दिमाग में छात्रों के हित हैं। चाहे बोर्ड अभी कुछ भी सोच रहा हो।’ पीठ ने कहा कि पहले सीबीएसई और आईसीएसई के मसले को हल किया जाए और फिर हम अन्य राज्य बोर्ड परीक्षाओं पर विचार करेंगे।