नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के नारदा घोटाला मामले में चार तृणमूल कांग्रेस नेताओं के हाउस अरेस्ट करने के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को घर में नजरबंद रहने का आदेश दिया था। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट में आज की सुनवाई को टालने की मांग की है।
बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को हाउस अरेस्ट रहने का आदेश दिया था। यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया । हालांकि फैसले को लेकर पीठ में आम सहमति नहीं दिखी। कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी के दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोबन चटर्जी को जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत दी गई , लेकिन चारों हाउस अरेस्ट रहेंगे।
CBI moves Supreme Court against the Calcutta High Court order which allowed house arrest of 4 TMC leaders in Narada case, seeks adjournment of hearing today
— ANI (@ANI) May 24, 2021
नारदा घोटाला…
साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था। ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे। इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।