बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है… बहुत ऊंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है….

शंकर पांडे  ( वरिष्ठ पत्रकार )      

पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के 4 बड़े नेता, मंत्री, विधायक की नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तारी, मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की भूमिका, केंद्र का दबाव, सीबीआई की भूमिका, आरोपी 2 भाजपा नेताओं पर फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं करना, राज्यपाल की भूमिका तथा गिरफ्तारी के लिए यह समय चुनने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है….।
सीबीआई को 2014 यानि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बनने के पहले भाजपा” कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ” कहती थी तो सर्वोच्च न्यायालय ने भी कभी इसे “पिंजड़े में बंद तोता” कहा था। खैर नारदा स्टिंग आपरेशन का मामला 2014 का है। मेथ्यू सेमुवल नाम के एक पत्रकार ने मद्रास की एक फर्जी कंपनी के नाम पर टीएमसी नेताओं, मंत्रियों, महापौर को कंपनी की मदद करने के नाम पर 4 से 15 लाख की रकम देकर स्टिंग आपरेशन किया था, हालांकि उन्होंने किसी मीडिया हाऊस के नाम पर यह किया था बाद में उसे नारडा स्टिंग का नाम दिया, 2016 में ये वीडियो पब्लिक डोमन में आये और 2017 में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई, इन वीडियो में टीएमसी के 6 नेता फिरदास हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, शोभन चटर्जी, मदन मिश्रा (अभी ममता सरकार में मंत्री, विधायक) तथा तब के टीएमसी के सांसद मुकुलराय तथा शुभेन्द्र अधिकारी स्टिंग आपरेशन में पैसा लेते कैद किये गये, मुकुल राय के निर्देश में 15 लाख रुपये आईपीएस मिर्जा ने लिये थे और स्टिंग में आने के बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया था उन्होंने स्वीकार भी किया था कि मुकुलराय के कहने पर उनके नाम पर उन्होंने 15 लाख लिये थे। वहीं फिरदास हाकिम 5 लाख, सुब्रत मुखर्जी 4 लाख, शोभन चटर्जी 4 लाख, मदन मिश्रा 5 लाख तथा शुभेन्दु अधिकारी 5 लाख लेते कैमरे में कैद हुए थे। मेथ्यू सेमुवल के वीडियो की सत्यता की जांच पर सीबीआई ने उसे सही पाया था। इधर हाल ही में पश्चिम बंगाल में भाजपा के 200 प्लस के सपनों को आघात पहुंचा और ममता बेनर्जी की पार्टी की जीत हुई मंत्रिमंडल गठन के पहले ही राज्यपाल जगदीश धनगर की सीबीआई को चारों नेताओं की गिरफ्तार की अनुमति भी चर्चा में है वैसे भी मतता सरकार तथा राज्यपाल के बीच की कटुता किसी से छिपी नहीं है, राज्यपाल के ट्वीट में ममता पर व्यक्तिगत हमले के बयान उन्हें संवैधानिक पद की जगह किसी भाजपा प्रवक्ता की याद दिलाते हैं।
सीबीआई की 4 टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी, स्पीकर से अनुमति या उन्हें सूचना सीबीआई द्वारा नहीं दिया जाना, राज्यपाल की गिरफ्तारी की अनुमति के कानूनी पहलुओं पर संभवत: न्यायालय में जवाब आएगा पर मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की गिरफ्तारी के बाद भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं…।
अब सवाल यह उठ रहा है कि जब स्टिंग आपरेशन में 6 तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ सीबीआई के पास वीडियो उपलब्ध हैं तो 4 की गिरप्तारी तथा 2 को फिलहाल खुले छोड़ देने के पीछे क्या कारण है….। वैसे मुकुल राय 2017 में टीएमसी छोड़कर भाजपा में आ गये हैं तो शुभेन्दु अधिकारी विस चुनाव के पहले भाजपा में आ गये थे, उन्होंने नंदीग्राम से ममता बेनर्जी को भी हाल ही के विस चुनाव में पराजित किया है। क्या दोनों नेता मुकुल, शुभेद्रु भाजपा की वाशिंग मशीन में धुलकर साफ हो गये हैं इसलिए इन दोनों को सीबीआई ने भी गिरफ्तार नहीं किया था….इसके पीछे कोई राजनीतिक दबाव है….,? बस इसी की चर्चा है। ममता बेनर्जी पर जानकारी होने के बाद भी आरोपियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का आरोप लगाया जा सकता है पर भाजपा भी तो पीछे नहीं है जिन्होंने कभी पानी पी पीकर मुकुल राय और शुभेन्दु अधिकारी पर आरोप लगाया था वे आज भाजपा में है बल्कि शुभेन्दु अधिकारी तो पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता बनकर नेता प्रतिपक्ष भी हैं।
कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल की घटना सीबीआई का रोल 2 को छोड़कर 4 की गिरप्तारी, मुख्यमंत्री का आचरण, राज्यपाल की भूमिका लोकतंत्र की गिरावट पर ही सवाल खड़ा करता है, भ्रष्ट नेताओं से राजनीति में मुक्ति की बात की कथनी-करनी में अंंतर को भी स्पष्ट करता है?

रेणु की विदाई, डॉ. आलोक की इंट्री,…....    

छत्तीसगढ़ की वरिष्ठतम आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणु पिल्ले का भीषण महामारी कोरोना के नाजुक दौर में अवकाश पर जाना,उनके स्थान पर सेवानिवृत्त डॉ. आलोक शुक्ला की तैनाती फिर उन्हें स्थायी तौर पर स्वास्थ्य सचिव बनाने तथा रेणु पिल्ले को अवकाश से लौटने के पश्चात पंचायत एवं ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी देना भी चर्चा में है। रेणु पिल्ले 1991 बैच की आईएएस है तो डॉ. आलोक शुक्ला 1986 बैच के आईएएस है तथा बहुचर्चित नान घोटाले में नाम आने के कारण पदोन्नति से वंचित रहे… खैर रेणु पिल्ले के स्वयं हटने या हटाने के पीछे 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की राज्य सरकार की नीति से सहमत नहीं होना बताया जा रहा है….! उनका मानना था कि बीमारी जात-पात, अमीर-गरीब देखकर नहीं आती है….। खैर छग के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी तथा बाद के डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में डॉ. आलोक शुक्ल स्वास्थ्य सचिव की जिम्मेदारी सम्हाल चुके हैं, उनका डाक्टर सर्जन होना भी उनके पक्ष में गया और कोरोना महामारी से निपटने उन्हें छग स्वास्थ्य विभाग का मुखिया बनाया गया है। वैसे यदि डाक्टर होना ही प्राथमिकता है तो छग में कुछ आईएएस अफसर अन्य विभागों में कार्यरत हैं जो डाक्टर भी हैं उन्हें भी स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है मसलन संभागीय प्रमुख बनाया जा सकता है जो कोरोना की संभावित तीसरी लहर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रमुख सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी और डॉ. कमल प्रीत सिंह
एमबीबीएस हैं तो छग गृह निर्माण मण्डल आयुक्त अय्याज तम्बोली और जगदीश सोनकर भी एमबीबीएस हैं तो बिलासपुर के कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तल और डॉ. सर्वेश्वर भूरे क्रमश: बिलासपुर और दुर्ग के कलेक्टर हैं जो एमबीबीएस हैं तो गरियाबंद के कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर बीएएमएम हैं। ज्ञात रहे कि डॉ. प्रियंका शुक्ला तो वैसे भी स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त सचिव हैं। वैसे रेणु पिल्ले काफी सख्त तथा ईमानदार अफसर मानी जाती है एक बार एक मीडिया हाऊस के अवैध कब्जे को हटाने के उनके आदेश के बाद डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में उन्हें मंत्रालय से बाहर राजस्व मंडल में भी पदस्थ किया जा चुका है।

डॉ. रमन, संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर....      

छत्तीसगढ़ में टूलकिट विवाद बढ़ता ही जा रहा है, कांग्रेस की शिकायत पर छग के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तथा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा के खिलाफ सिविल लाईन पुलिस ने धारा 504, 505 (1 बी.सी.) 188, 469 भारतीय दण्ड संहिता के तहत जुर्म कायम कर लिया है। दरअसल डॉ. रमन सिंह के आफिसियल ट्वीटर हेण्डल से कोरोना को लेकर कांग्रेस के एक लेटर हेड, सील- मोहर के साथ शेयर किया गया था जिसमें कई तरह की बातें कोरोना के संदर्भ में लिखी गई थी।वैसे भाजपा ने इसके खिलाफ धरना भी अपने घर के बाहर दिया…. इधर कांग्रेस का आरोप है कि लेटर हेड फर्जी है और सील मोहर भी गलत है, इधर संबित पात्रा ने पहले सोशल मीडिया में इसे कांग्रेस की साजिश बताया था। छग के पूर्व मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल आदि ने कहा है कि डॉ. रमन सिंह के ट्वीट को कई भाजपा नेताओं ने रि -ट्वीट किया है, कांग्रेस सरकार में हिम्मत है तो सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए….। वैसे भाजपा नेता इसे भूपेश सरकार के बदले की कार्यवाही बता रहे हैं वे शायद भूल गये कि उनके कार्यकाल में भूपेश बघेल तथा उनके परिजनों के खिलाफ भी सरकार ने जुर्म कायम किया था…।

और अब बस….

0 अजीत प्रेमजी युनिवर्सिटी, बेंगलुरू की स्टडी के अनुसार कोरोना काल में देश के 86 फीसदी परिवारों को संतुलित भोजन नहीं मिल पा रहा है इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एक्स्ट्रा डार्क चाकलेट खाने का सुझाव दे रहे हैँ ?
0 अमित जोगी के पहले करीबी, फिर राज्यपाल के करीबी बने सोनमणी वोरा की जल्दी ही छग से विदाई हो जाएगी, उनकी केंद्र में पदस्थापना हो गई है।
0 मशहूर टीवी अभिनेत्री अनिता लोखंडे का बिलासपुर के व्यवसायी विक्की जैन के साथ विवाह तय होने की खबर है।
0 31 मई तक छत्तीसगढ़ लाकडाऊन के साये में रहेगा वैसे छग में कोरोना ढलान पर है इससे जून में जनता को कुछ राहत मिल सकती है!
0 जशपुर और कोरिया जिले की दो महिला एसडीऍम चर्चा में हैं… एक के खिलाफ वसूली के लिये दबाव बनाने की शिकायत है तो दूसरी पर पत्रकारों को प्रताड़ित करने का आरोप है….?

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