Breaking News :जीरकपुर से गिरफ्तार हुआ दीप सिद्धू, थोड़ी देर में कोर्ट में पेशी

नई दिल्ली : दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। सिद्धू 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लालकिले पर हुई हिंसा मामले के मुख्य आरोपी में से एक है। करीब 15 दिन तक फरार रहने के बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम रखा था। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सेल की टीम ने उसे पंजाब से गिरफ्तार किया है। उसे पंजाब के जीरकपुर नाम के इलाके से गिरफ्तारी किया गया है। थोड़ी देर में उसे अदालत के सामने पेश किया जाएगा।

पुलिस की गिरफ्त से दूर रहते हुए सिद्धू लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश जारी कर रहा था। दावा किया गया है कि पंजाबी अभिनेता जो वीडियो अपलोड करता है, उसके पीछे उसकी एक बेहद करीबी महिला मित्र है जो कैलिफोर्निया में रहती है। पुलिस के अनुसार सिद्धू वीडियो बनाता था और उसे उसकी महिला मित्र और अभिनेत्री विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया करती थी।

हाल ही में किया था एक वीडियो जारी
हाल ही में पंजाबी अभिनेता ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उसने कुछ गलत नहीं किया है। इसलिए उसे किसी बात का कोई डर नहीं है। वह मामले से जुड़े सबूत जुटा रहा है और दो दिन बाद पुलिस के सामने पेश होगा। उसने जांच एजेंसियों से उसके परिवार को परेशान न करने के लिए कहा था।

कौन है दीप सिद्धू 
दीप सिद्धू एक पंजाबी अभिनेता है। सिद्धू का जन्म वर्ष 1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में हुआ, फिर उसने आगे कानून की पढ़ाई की। दीप किंगफिशर मॉडल हंट का विजेता रह चुका है और मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट में मिस्टर पर्सनैलिटी का खिताब अपने नाम कर चुका है। शुरूआत में मॉडलिंग की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। किंगफिशर मॉडल हंट अवार्ड जीतने से पहले वह कुछ दिन बार का सदस्य भी रहा। साल 2015 में दीप सिद्धू की पहली पंजाबी फिल्म ‘रमता जोगी’ रिलीज हुई। हालांकि, उसे पहचान साल 2018 में आई फिल्म ‘जोरा दास नुंबरिया’ से मिली, जिसमें उसने गैंगेस्टर का किरदार निभाया था।

खालिस्तान समर्थक होने का आरोप, एनआईए ने भेजा था नोटिस  
दीप सिद्धू किसान आंदोलन में लगातार दो महीनों से सक्रिय था। कुछ दिन पहले दीप को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के साथ रिश्तों को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नोटिस भी जारी किया था। दीप ने पिछले साल आंदोलन के दौरान किसान यूनियन के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। उस दौरान उसने शंभु मोर्चा के नाम से नए किसान संगठन की घोषणा भी की थी। तब उसके मोर्चा को खालिस्तान समर्थक चैनलों से समर्थन भी मिला था।

 

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