मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राज में प्रदेश के किसानों के सुख को देख भाजपा के नेता सदमे में:विकास तिवारी

रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने कहा कि एक ओर जहां केंद्र की मोदी सरकार के किसान विरोधी काले कानून के विरोध में लाखों किसान हाड़ कपकपाती ठंड में देश की राजधानी दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और किसान विरोधी नरेंद्र मोदी सरकार के काले कानून को बदलने की मांग कर रहे हैं।वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ राज्य में धान खरीदी की शुरुआत कर दी गई है जिसकी मॉनिटरिंग खुद किसान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 2305 धान खरीदी केंद्र हैं और इस वर्ष 257 नए केंद्र खोले गये हैं जिससे कि प्रदेश के किसान अपने उत्पाद को सुगमता से बेच सकें। कांग्रेस सरकार ने घोषणा की है कि 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक लगातार दो महीने धान और मक्का के फसलों की खरीदी की जायेगी और समर्थन मूल्य का लाभ प्रदेश के हर पंजीकृत किसानों को दिया जायेगा।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि – वर्ष 2020 में ढाई लाख  से अधिक नये किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है जो कि 19 लाख 36 हजार की तुलना में 21 लाख 29 हजार 764 हो गया है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जो खुद एक किसान है उस पर प्रदेश के किसान लगातार भरोसा कर रहे हैं और उन्हें इसका प्रतिसाद भी मिल रहा है वर्तमान में धान का कुल रकबा 27 लाख 60 हजार से अधिक हो गया है पिछले वर्ष की तुलना में किसानों का कुल रकबा 19 लाख 36 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 22 लाख 68 हजार हेक्टेयर हो गया है और किसानों की संख्या लाख 6 हजार से बढ़कर 18 लाख 38 हजार हो चुकी है। कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में कुल नया रकबा 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर और कुल नये किसान 6 लाख 32 हजार से अधिक हो गये हैं इसका कारण यह है कि कांग्रेस सरकार और किसान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पूरे देश भर में एक मात्र छत्तीसगढ़ राज्य में दिये जाने वाले पच्चीस सौ रूपये धान समर्थन मूल्य को पाकर प्रदेश के किसान गदगद हैं और लगातार प्रदेश के युवा भी खेती-बाड़ी के कार्यों से जुड़कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि –  15 सालों के पूर्ववर्ती भाजपा के रमन राज में ना केवल धान खेती का रकबा कम हो चला था वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसान रोजी रोटी कमाने के लिए पलायन करने के लिये बेबस थे और अन्य प्रदेशों में जाकर कठिनाई युक्त जीवन बसर करने को मजबूर थे। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला था कृषि विभाग में पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के कार्यकाल में घटिया स्तर के बीज,नकली खाद और  कृषि विभाग  में  बड़े-बड़े घोटालों के कारण  पूरी व्यवस्था  चरमराई हुई थी।  कृषि विभाग में कमीशन खोरो का बोलबाला था जिसके कारण प्रदेश के किसानों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं थी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के शासनकाल में किसानों ने उनके ही गृह जिले में आत्महत्या तक की थी अब जब कांग्रेस सरकार और किसान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राज में धान का रकबा भी बढ़ रहा है और प्रदेश में नये किसान लाखों की तादाद में खेती-बाड़ी के काम के लिये जुड़ रहे हैं इसे देखकर भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस के किसान विरोधी नेताओं के चेहरे में मायूसी छा गई है,और वे सब गहरे सदमे में है।

 

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