रायपुर : भाजपा की टिकट से पार्षद चुनाव जीतने वाले 6 पार्षदों की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी गई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इन सभी पार्षदों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप था, जिसकी जांच प्रदेश महामंत्री नारायण चंदेल और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को सौंपी गई थी। दोनों नेताओं ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव के दौरान भाजपा की टिकट से जीतकर पार्षद बने 6 लोगों ने क्रास वोटिंग की थी, जिसकी वजह से बेमेतरा नगर पालिका भाजपा के हाथ में होते हुए भी निकल गया।
भाजपा की जगह कांग्रेस को अपना समर्थन दिया…
बताया जा रहा है कि भाजपा ने विश्वास के तहत पंचू साहू, बीरेन्द्र साहू, देवराम साहू, प्रवीण नीलू राजपूत, नीतू कोठारी, घनश्याम देवांगन को पार्षद पद का प्रत्याशी बनाया था। वहीं नगरीय निकाय चुनाव के दौरान पार्टी नेताओं ने इनके पक्ष में प्रचार भी किया था। नतीजतन, इन्हें नगरीय निकाय चुनाव में जीत हासिल हुई थी। इसके बाद बदले नियमों के तहत जब अध्यक्ष के चुनाव की बारी आई, तो इन सभी पार्षदों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने की बजाय कांग्रेस को अपना समर्थन दिया, जिसकी वजह से बेमेतरा नगर पालिका में भाजपा की हार और फजीहत हुई।
बेमेतरा जिला मुख्यालय के नगर पालिका में भाजपा पार्षदों की संख्या पर्याप्त थी, जबकि कांग्रेस की स्थिति पालिका में कब्जा करने की नहीं थी। बेमेतरा में भाजपा पूरी तरह आश्वस्त थी कि बेमेतरा नगर पालिका में उनका कब्जा तय है, लेकिन ऐन अध्यक्ष चुनाव की वोटिंग में नामजद पार्षदों ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अपना वोट डाल दिया। इस बात को लेकर जमकर बवाल मचा था।
इन नामजद पार्षदों के खिलाफ जिला भाजपा ने प्रदेश संगठन के समक्ष 5 माह पहले शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी जांच का जिम्मा प्रदेश के दो वरिष्ठ नेताओं नारायण चंदेल और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को सौंपा गया। जिला भाजपा ने कांग्रेस नेताओं पर जहां खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया, तो वहीं पार्षदों पर बिकने का भी आरोप लगाया था।