सतीश पात्रे, कवर्धा: कवर्धा जिला में बालको प्रबंधक की बड़ी लापरवाही सामने आई है जिनके द्वारा शुद्ध पेयजल आपूर्ति के नाम पर लाखों रुपये खर्च तो किये लेकिन ग्रामीणों को एक साल में चुल्लू भर पानी उपलब्ध नही करा सके, जी हाँ यह पुरा मामला कवर्धा के दलदली के समर्दा का है जहाँ बालको के द्वारा कई वर्षों से बॉक्साइट पत्थर निकालने का काम कर रहा है लेकिन यहाँ के प्रभावित लोगों को किसी प्रकार का सुविधा मुहैया नही करा पा रहा है
आपको बता दे ग्राम केसमर्दा में पेय जल आपूर्ति के लिए कई किलोमीटर लोहे का लंबी पाइप लाइन बिछाये हुए साल भर से अधिक समय हो गया जो जंग खाते हुए टूटे फूटे स्थिति में पड़ा हुआ है वही पानी भराव के लिए पानी टंकी भी बनाया गया है जो सिर्फ सो पीस बनकर रह गया जिसे अब तक चालू नही किया गया जिससे ग्रामीणों को पानी की भारी समस्या हो रही है वही पीने के लिए पहाड़ी के नीचे कुआं से पानी लाना पड़ता है जिसका स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ सकता है ।
यह बताना लाजमी होगा
ग्राम केसमर्दा में लगभग 700 बैगा आदिवासी परिवार निवासरत है जिनके भूमि से अनुबंध के मुताबिक कई वर्षों से बाक्साइड पत्थर खुदाई का काम चल रहा है खुदाई के दौरान ग्रामीणों को एक जगह से दूसरे जगह व्यवस्थापन के बाद उन्हें मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना बालको की जिम्मेदारी है लेकिन यह सब जिम्मेदारी निभाना बालको प्रबंधक भूल गया है वही जिला प्रशासन भी यहां के लोगो का सुध नही ले रहा है।