वाशिंगटन : बाइडन प्रशासन ने कहा है कि अपनी विश्वसनीयता की बहाली और आगे की ओर जाने वाले वैश्विक नेतृत्व को पुन:स्थापित करके अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि वैश्विक एजेंडा चीन नहीं, हम तय करेंगे। उसने कहा गया कि भारत जैसे देशों के साथ मिलकर विश्व स्तर पर अपने मानदंडों और समझौतों को आकार देने के लिए अमेरिका काम करेगा।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अमेरिका में उसके हितों को आगे बढ़ाने और मूल्यों को प्रतिबिंबित करने का काम जारी है। व्हाइट हाउस ने अपने अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा गाइडेंस कार्यक्रम में कहा कि यह एजेंडा स्थायी लाभों को मजबूत करेगा और इसे चीन या किसी अन्य राष्ट्र के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की विश्वसनीयता को बहाल करने और आगे की ओर वैश्विक नेतृत्व को दोबारा स्थापित करने से, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिका अंतराष्ट्रीय एजेंडा तय करेगा, चीन नहीं। इसके लिए अमेरिका दुनियाभर में अपने गठबंधन और साझेदारियों को मजबूत बनाएगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है चीन : ब्लिंकेन
अमेरिका-चीन रिश्तों को ‘21वीं सदी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक परीक्षा’ करार देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि यह एशियाई देश आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य व प्रौद्योगिकी क्षमता से युक्त है। ऐसे में चीन विश्व की मुक्त और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर चुनौती देने की क्षमता रखता है।
उन्होंने जरूरत के हिसाब से चीन के साथ प्रतियोगी और सहयोगी रिश्ते निभाने की बात स्वीकार की। ब्लिंकेन ने कहा कि यमन, इथियोपिया, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया समेत कई देशों के साथ अमेरिका को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन चीन के साथ ये चुनौतियां अलग किस्म की हैं।
छेड़छाड़ वाले नेटवर्क लगाने के खतरों से चिंतित है अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाला प्रशासन 5-जी को उच्च प्राथमिकता देता है और वह ऐसे उपकरण के साथ नेटवर्क लगाने के खतरों को लेकर चिंतित है, जिनसे चीन छेड़छाड़ कर सकता है या जिन्हें वह नियंत्रित या बाधित कर सकता है।
प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि चीन मानवाधिकारों एवं निजता का कोई सम्मान नहीं करता है और इसीलिए हम ऐसे उपकरण के साथ नेटवर्क लगाने के खतरों से चिंतित हैं, जिनसे चीन छेड़छाड़ कर सकता हैं या जिन्हें वह बाधित अथवा नियंत्रित कर सकता है।