{किश्त114}
करीब 112 साल पहले टाइटैनिक अंधेरी रात में एक आइस बर्ग(हिमखंड) से टकरा गया था।उस वक्त यात्री नींद के आगोश में थे।हादसे के वक्त टाइटैनिक 41 किमी/घंटे की रफ़्तार से इंग्लैंड के साउथम्पैटन से अमेरिका के न्यूयार्क की ओर बढ़ रहा था,तीन घंटे के अंदर 14- 15 अप्रैल 1912 की रात में ही टाइटैनिक अटलांटिक महा सागर में समा गया…जिस जहाज के कभी नहीं डूबने की चर्चा थी,वह डूब गया। हादसे में करीब 15 00 लोग भी मारे गये ।इसे 112 साल बीतने पर भी सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है।हादसे की जगह से अवशेषों को सितं बर,1985 में हटाया गया था। हादसे के बाद,कनाडा से 650 किलोमीटर की दूरी पर3,843 मीटर की गहराई में जहाज दो भागों में टूट गया था और दोनों हिस्से एक दूसरे से 800 मीटर दूर हो गए थे।छत्तीसगढ़ से भी एक महिला टाइटेनिक जहाज की सवारी की थी। जांजगीर-चांपा शहर की यात्री एनी क्लेमेर फंक उन 1500 यात्रियों में शामिल थीं,टाइटेनिक के हिमखंड से टकराने की त्रासदी मेंवह भी मारी गई थीं।जांजगीर चंपा को अपना घर बनाने वाली मिशनरी एनी,बीमार मां को देखने अमेरिका जा रही थीं,एनी वर्ष 1906 में मिशनरी के रूप मेंअमेरिका से भारत आई थीं।जांजगीर चांपा में अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 1908 में उन्होंने गरीब लड़कियों के लिए एककमरे के स्कूल- छात्रावास की स्थापना कर,प्रारंभ में 17 छात्राओं को पढ़ाती थीं।भारत में रहने के दौरान उन्होंने हिंदी भी सीखी थी।बाद में उस स्कूल का नाम बदलकर एनी सी फंक मेमोरियल स्कूल कर दिया गया।एनी के स्कूल में अब बहुत कुछ नहीं बचा है…? बाहरी दीवार के अवशेष ही बचे हैं।हालांकि वहाँ एनी की कहानी बहुत प्रचलित है।शहर में एनी के समय का एक शिलाखंड बचा हुआ है जो असाधारण जीवन और जहाज पर हुई मौत के बारे में बताता है।यहां के सेंट थॉमस स्कूल की प्राचार्य सरोजनी सिंह के अनुसार मेमोरियल स्कूल 1960 तक चला, लेकिन उसके बाद बंद हो गया। टाइटेनिक की तरह ही एनी की कहानी भी मर्म स्पर्शी है। एनी,जांजगीर से ट्रेन से मुंबई गई थीं। वहां वह इंग्लैंड जाने के लिए एक जहाज पर सवार हुई। साउथैंपटन से अमेरिका जाने के लिए एसएस हैवर फोर्ड नामक जहाज में सवार होना था। कोयला मजदूरों की हड़ताल यह जहाज नहीं जा सका। उनसे 13 पौंड [करीब 1064 रुपये] में अपना टिकट टाइटेनिक के लिए बदलने का अनुरोध किया गया,एनी सेकेंड क्लास का टिकट खरीद लिया जिसका नंबर 237671 था।इनसाइक्लो पीडिया गमेओ के मुताबिक एनी ने टाइटेनिक पर अपने साथी यात्रियों के साथ ही अपना 38वां जन्मदिन भी मनाया था। उल्लेखनीय है कि साउथैंपटन से न्यूयॉर्क के पहले सफर में 15 अप्रैल,1912को टाइटेनिक एक हिमखंड से टकराकर अटलांटिक सागर में समा गया था, हादसेमें करीब 1517 लोगों की जान गई थी। दुनिया की कुछ चुनिंदा दुर्घटनाओं में शुमार इस हादसे ने उस वक्त यूरोप, अमेरिका को हिलाकर रख दिया था….!