छग के एक राज परिवार का ध्वज और सत्यमेव जयते….

{किश्त 63}

प्राचीन से ब्रिटिशकाल की स्थापना तक छग एक पृथक एवं स्वतंत्र राज नीतिक इकाई के रूप में रहा।मौर्य सम्राज्य के विघटन के बाद यहां स्वतंत्र राजवंशों का शासन रहा। खैरागढ़ के राजा लक्ष्मी निधि राय के दरबारी कवि दलराम ने छत्तीसगढ़ का पहली बार अपनी रचना में उपयोग किया।रतनपुरराज्य के कवि गोपाल कृष्ण ने 1869 तथा इतिहासकार बाबू रेवाराम ने हैहयवंशी राजाओं के कार्यकाल में 1893 में छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग किया।खैरागढ़ राज्य के प्रथम शासक या संस्थापक लक्ष्मीनिधि कर्ण को माना जा सकता है। 1759 से 1833 तक यहां राजा टिकैतराम के शासन काल में यहां कीप्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ होने लगी। यहां पहले सिंह तथा1887 में राजा की पदवी ब्रिटिश सरकार ने दी।खैरागढ़ राज्य रियासत का एक ध्वज बड़ी मुश्किल से मिला है।तब इस ध्वज तथा लोगो(प्रतीक चिन्ह)में मंदिर,महल,सांप आदि को स्थान दिया गया और सबसे नीचे अंग्रेजी में ‘सत्य मेव जयते’ लिखा था। यह ध्वज और मोनो आजादीके पहले का है।खैर छत्तीसगढ़ को पहले पिछड़ा(लोग कहते थे)क्षेत्र में एक राज परिवार के ध्वज और मोनो में ‘सत्य मेव जयते ‘का लिखा होना कहीं न कहीं से छत्तीसगढ़ के इस वाक्य से प्राचीन संबंध होने की गवाही तो देता ही है…।

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