शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )



देश के गृहमंत्री अमित शाह छ्ग में नक्सलियों के खात्मे के लिये आशाँवित हैं, छ्ग के बड़े अधिकारियों को यह भी संकेत दे दिया है कि खात्मे के बाद नक्सलियों की पुन: आमद न हो इसके लिये भी कार्ययोजना अभी से बनाई जाए।छग अपने विकास के नए मापदंड गढ़ने के लिए मांदर की थाप पर नक्सल के नासूर से निपटने तेजी से प्रयास शुरू कर दिया है।संकल्प इतना प्रचंड है कि इस बार नक्सल के समूल नाश का मसौदा तैयार हो चुका है।30 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी छग दौरे पर आएंगे और ठीक एक साल बाद 31 मार्च 2025 को इस बात का संकल्प लेना है कि मार्च 2026 की इस तारीख तक राज्य, देश से नक्सल वाद का सफाया हो जाएगा इसके लिए बड़ी मजबूत रणनीति भी तैयार हो चुकी है।यह इसलिए भी है कि देश में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिले छत्तीसगढ़ में ही बचे हुए हैं। देश में कुल 38 जिले नक्सलवाद के प्रभावित जिले माने जाते हैं जिसमें से15 जिले सिर्फ छग में है,पूरे देश से नक्सलियों के सफाए को लेकर के तेजी से काम किया जा रहा है।वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से खत्म करने वामपंथी उग्र वाद निवारण राष्ट्रीय नीति कार्ययोजना के तहत 20 15 में सुरक्षा प्रावधानों के तहत जो काम शुरू किए गए थे उसमें काफी तेजी आई है।2025 में छ्ग के अलग- अलग हिस्सों में हुई मुठभेड़ों में 103 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं। 2025 में 1 मार्च तक 83 नक्सली मारे जा चुके थे। वहीं 20 मार्च को अब तक 30 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आचुकी है। बता दें कि साल 2024 में छग में 200 से ज्यादा नक्सलियों को ढ़ेर किया गया था।देश से नक्सलियों के सफाए के लिए 6अगस्त 2024 को देश के गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पूरे देश के सामने इस बात को माना था कि सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित क्षेत्र छग में ही है।उन्होंने कहा था कि 2010 से 2024 के बाद की तुलना की जाए तो 73% वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में कमी आई है। 6 अगस्त 2024 को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जिस रिपोर्ट को जारी किया था, उसके अनुसार साल 2010 में पूरे देश के 96 जिले, उसके 465 पुलिस स्टेशन ऐसे थे जो घनघोर नक्सलवाद की चपेट में थे।जबकि वर्ष 2023 में सिर्फ 42 जिले और 171 पुलिस स्टेशन वामपंथ उग्रवाद कीश्रेणी में रखे गए थे।वहीं इसमें और तेजी से गिरावट आई,24 जून 2024 की रिपोर्ट के अनुसार 38 जिले के सिर्फ 89पुलिस स्टेशन वामपंथी उग्रवाद की चपेटमें थे,अगर किसी एक राज्य की बात की जाए तो इसमें सबसे बड़ा राज्य छत्तीसगढ़ था जिसके सबसे ज्यादा जिले अभी भी नक्सलवाद की कुचक्र से जूझ रहे हैं।
नक्सलवाद: देश में टॉप
पर छत्तीसगढ़…
नक्सल प्रभावित जिलों की बात करें तो छत्तीसगढ़ देश में सबसे ऊपर है पूरे देश में कुल 38 जिले नक्सल प्रभा वित हैं, जिसमें से 15 जिले छत्तीसगढ़ के शामिल हैं, बीजापुर,बस्तर,दंतेवाडा, धमतरी,गरियाबंद,कोंडागांव,कांकेर,महासमुंद,नारा यणपुर,राजनांदगांव,मोह ला-मानपुर अंबागढ़ चौकी, खैरा गढ़-छुईखदान-गंडई, सुकमा, कबीरधाम, मुंगेली ऐसे जिले हैं जो वामपंथी उग्रवादवाले जिले मेंशामिल हैं।नक्सलवाद पर निर्णा यक लड़ाई को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह 24 अगस्त 2024 को छग के दौरे पर आए थे और यहां प इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया था।25 अगस्त 20 24 को अमित शाह ने यहीं ऐलान किया था 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करदेंगे।31मार्च 2025 से 1 साल का सफर अब नक्सली के सफाये पर गिननेवाली उपलब्धियां के साथ होगा।उसके ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी का 30 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आना इस योजना को कितना बल देगा यह निश्चित तौर पर एक बड़ी उपलब्धि और चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
नक्सल क्षेत्र: केंद्र से 557
करोड़,पर खर्च 998 करोड़
छग विधानसभा में प्रश्न काल में नक्सल प्रभावित जिलों में साल 2019 से 2023 तक सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत कार्य योजना राशि और खर्च का मामला उठा।गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि केंद्र से 557 करोड़ आया है, 998 करोड़ से ज्यादा व्यय हुआ है।गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा- वामपंथी नक्सल प्रभावित 15 जिले हैंअजय चंद्राकर ने नक्सल उन्मूलन के लिए राशि के प्रावधान और खर्चे को लेकर जान कारी मांगी थी। गृहमंत्री ने जवाब में आवंटन और व्यय की में अंतर के संबंध में बताया कि पहले राज्य के बजट से ये राशि खर्च हो जाती है बाद में रिम्बर्स कराया जाता है। मतलब खर्चे के बाद राशि आती है।अजय ने कहा कि कार्य योजना 13 बिंदुओं में भेजा गया है,खर्च 25 बिंदुओं में हुआ है। कार्ययोजना किसी और मद के लिए भेजी गई है,और खर्च किसी और मद में हुए हैं। विजय शर्मा ने कहा जिन बिंदुओं का जिक्र सदस्य कर रहे हैं, वो सभी राज्य सरकार मद के हैं सभी नॉर्म्स के तहत हैं, सब आगे जाकर क्लेम किया जाता है,केंद्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है।
छ्ग मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी,
सचिव,कलेक्टर,एसपी भी बदलेंगे…..
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी ही होगा, 2/3 मंत्री शामिल होंगे वहीँ 1/2 मंत्री की छुट्टी भी हो सकती है तो कुछ केविभाग बदलने की भी चर्चा है। निगम, मण्डलों सहित प्राधिकरणों राजनीतिक नियुक्ति के साथ छग की नौकरशाही में एक बडा प्रशासनिक फेरबदल जल्द होने की संभावना है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें, तो विधानसभा का बजट सत्र 21 मार्च को समाप्त होने के बाद किसी भी दिन कई जिलों के कलेक्टर और एसपी बदले जा सकते हैं। साथ ही मंत्रालय में पदस्थ प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारियों के विभागों में फेरबदल संभावित है।छत्तीसगढ़ में होने वाले प्रशासनिक फेरबदल में सरकार का फोकस अब कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की पदस्थापना में बदलाव किया जाना है।सूत्रों के मुताबिक, विधान सभा का बजट सत्र पूरा होने के साथ ही राज्य में नगरीय निकायों,त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव हो चुके हैं।अब लंबे समय तक छ्ग में कोई बड़ा चुनाव भी नहीं होना हैसाथ ही अब सरकार जिलों में व्यवस्था को मजबूत करने के इरादे के साथ बड़ा बद लाव करने की तैयारी में है।
और अब बस….
0नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने छग सरकार की नक्सलियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का समर्थन किया, लेकिन इसके पीछे उद्योगपति को बस्तर देने की आशंका भी जाहिर की है…!
0बीजापुर पुलिस ने पत्रकार मुकेश चंद्रकार हत्याकांड में 1200 पेज की चार्जशीट में हत्या के कारणों का खुलासा किया गया है।
0झारखंड में कथित तौर पर हुए शराब घोटाले के मामले में छग एसीबी ने आईएएस विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है।