सार्थक स्कूल में हस्तनिर्मित “सार्थक लिफाफे” का उद्घाटन एवं दीप-पर्व के जलाए दिये

यशवंत गिरी गोस्वामी,धमतरी : कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से स्कूल और कॉलेज अस्थायी रूप से बंद हैं। और निकट भविष्य में, उनके सही ढंग से खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति बच्चों में रुचि जगाकर उन्हें सिखाने पढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। हालांकि जहां बहुत से छात्रों के पास स्मार्ट फोन के अभाव या कमज़ोर नेटवर्क के चलते ऑनलाइन पढ़ाई करना उनके लिए बहुत कठिन हो गया है वहीं, शिक्षकों के लिए छात्रों को पढ़ाने में भी काफी दिक्कतें आ रहीं है। मानसिक दिव्यांग बच्चों के प्रशिक्षण के संदर्भ में ये चुनौतियाँ बहुत अधिक हो जातीं हैं । इसका सबसे बड़ा कारण है कि, प्रशिक्षकों द्वारा उन्हें हाथ पकड़कर लिखना सिखाया जाता है और विषय वस्तुओं को रोज- रोज दोहराते हुए उन्हें सिखाया जाता है।

धमतरी के मानसिक निःशक्त बच्चों के प्रशिक्षकण केंद्र, सार्थक स्कूल के प्रशिक्षकों ने अपने परिश्रम और लगन के दम पर इन सभी चुनौतियों को स्वीकार किया औरलॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में बच्चों के पालकों से लगातार संपर्क करते हुए शैक्षणिक और कलात्मक गतिविधियों में बच्चों की रुचि बनाये रखा।बच्चों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के साथ साथ सार्थक के प्रशिक्षकों के द्वारा विवाह, जन्मदिन आदि शुभ कार्यों में उपयोग किये जाने वाले लिफाफे बनाये जा रहे हैं। ” सार्थक लिफाफे” के नाम से शुरू की गई इस नई गतिविधि का उद्घाटन नगर की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ.वर्षा जैन एवं समाज सेवी सुधा मितेश अग्रवाल के द्वारा सार्थक स्कूल में किया गया। दोनों अतिथियों ने स्कूल की इस नई शुरुआत पर हर्ष व्यक्त करते हुए सराहना की और कहा कि विषम परिस्थितियों में यह एक सकारात्मक पहल है।

डॉ.वर्षा जैन ने पिछले माह दिवंगत हुए अपने देवर स्व.अभय की स्मृति में सार्थक संस्था को 21 हज़ार रुपये की सहयोग राशि प्रदान की।
सार्थक की वरिष्ठ प्रशिक्षिका सुधापुरी गोस्वामी ने बताया कि, पूर्व में स्कूल में बच्चों को कलात्मक प्रशिक्षण के अंतर्गत लिफाफे बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता था, फल स्वरूप कुछ बच्चों ने भी अपने अपने घरों मे पालकों की मदद से लिफाफे बनाए है, जिन्हें स्कूल खुलने के उपरांत प्रस्तुत किया जाएगा।

सार्थक की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने बताया कि, स्कूल के प्रशिक्षक, सुधापुरी गोस्वामी,मैथिली गोड़े, मुकेश चौधरी, स्वीटी सोनी एवं देविका देवान के द्वारा अच्छी मेहनत कर, फिनिशिंग के साथ बनाये गए लिफाफे आकर्षक, और व्यवहार में लाने के लिए उपयोगी भी हैं , और क़्वालिटी के दृष्टिकोण से भी पसंद आने योग्य हैं।

सार्थक की सचिव स्नेहा राठौड़ ने बताया कि, इन लिफाफों को वाज़िब कीमतों में विक्रय किया जाएगा और उससे प्राप्त आवक को संस्था और बच्चों के हितार्थ काम में लिया जाएगा। संस्था के प्रशिक्षक और सदस्य फ़ोन पर सम्पर्क के द्वारा लोगो को लिफाफों के पैकेट्स, अपने घरों से ही उपलब्ध कराएँगे।
इसके लिए इन फोन नंबर्स पर सम्पर्क किया जा सकेगा

“सार्थक लिफाफे”के उद्घाटन के पश्चात अतिथियों के साथ उपस्थित सभी ने दीपावली के आगमन के स्वागत में दिए एवं फुलझड़ियां, जलाए और आपस में बधाई का आदान प्रदान किया।
अंत में स्नेहा राठौड़ ने अतिथियों के सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया।

उक्त संक्षिप्त कार्यक्रम में सार्थक के सभी प्रशिक्षक, सार्थक की पूर्व प्रशिक्षिका एवं राजीव गांधी शिक्षा मिशन की ब्लॉक रिसोर्स पर्सन श्रीमती ज्योति गोड़े चौधरी, एवं बाल संरक्षण अधिकारी गजानन्द साहू, हार्दिक अग्रवाल, जिविका अग्रवाल, सुनैना गोड़े, वंश चौधरी, आकाश आहूजा एवं सुभाष मलिक का सहयोग रहा।

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