NPCI ने WhatsApp Pay को भारत में दी हरी झंडी, दो साल से चल रही है टेस्टिंग

नई दिल्ली : फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग एप व्हाट्सएप (WhatsApp) को भारत में पेमेंट सेवा शुरू करने की अनुमति मिल गई है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने  WhatsApp Pay को हरी झंडी दे दी है लेकिन शर्त यह रखा है कि इसे फिलहाल 2 करोड़ यूजर्स के लिए ही जारी किया जाएगा। बता दें कि भारत में व्हाट्सएप के यूजर्स की संख्या 40 करोड़ से अधिक है।

भारत में  WhatsApp Pay की मंजूरी मिलने का बाद PhonePe, गूगल पे जैसे यूपीआई एप की मुसीबत बढ़ने वाली है, क्योंकि व्हाट्सएप से पेमेंट होने पर लोगों को सबसे पहला फायदा यह होगा कि पेमेंट का काम व्हाट्सएप से होने से उन्हें अलग से एक एप रखने की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि हाल ही में फोनपे ने कहा था कि उसके यूजर्स की संख्या 25 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है।

दो साल से चल रही है टेस्टिंग…
व्हाट्सएप को सिर्फ सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने का ही इंतजार था, क्योंकि कंपनी पिछले दो साल से भारत में WhatsApp Pay की टेस्टिंग कर रही है। कई हजार यूजर्स पहले से ही बीटा वर्जन पर WhatsApp Pay का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि कंपनी जल्द ही WhatsApp Pay को भारत में जारी करेगी। नए अपडेट के बाद आपको किसी अन्य यूपीआई एप की तरह यूपीआई पिन बनाना होगा और उसके बाद आप पेमेंट कर सकेंगे।

NPCI ने तय की थर्ड पार्टी एप के लिए लेनदेन की सीमा
NPCI ने व्हाट्सएप को हरी झंडी देने के साथ ही थर्ड पार्टी एप के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा तय की है जो कि एक जनवरी 2021 से लागू होगी। नए नियम के तहत सिंगर थर्ड पार्टी एप कुल यूपीआई लेनदेन का अधिकतम 30 फीसदी ही होगा। सरकार ने यह फैसला यूपीआई में किसी एप के एकाधिकार को रोकने के लिए लिया है।

एनपीसीआई ने हाल ही में कहा है भारत में अब हर महीने दो अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। एक जनवरी 2021 से लागू हो रहे नए नियम को एक उदाहरण से समझें तो मान लीजिए कि अलग-अलग यूपीआई एप से हर महीने तीन अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं तो इसका 30 फीसदी यानी अधिकतम 90 लाख ट्रांजैक्शन ही किसी एक थर्ड पार्टी एप यानी पेटीएम, गूगल और जियो पे एक महीने में किए जा सकेंगे।

 

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