विपुल कनैया,राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक ने जिला पंचायत के सभा कक्ष में जिले से प्राप्त महिलाओं के उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की। इस अवसर पर नगर निगम राजनांदगांव महापौर हेमा देशमुख, शासकीय अधिवक्ता कुमारी शमीम रहमान एवं कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रेणु प्रकाश एवं शहर के स्थानीय अधिवक्तागण उपस्थित थे।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.नायक ने 15 प्रकरणों के दोनों पक्ष आवेदक एवं अनावेदक को बारी-बारी से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया। उनकी शिकायतों को सुनकर 15 प्रकरणों की सुनवाई की गई जिसमें एक वृद्ध महिला को उनके घर का आधिपत्य नहीं मिल पा रहा था। किसी अन्य महिला द्वारा उनके मकान पर कब्जा कर निवास किया जा रहा था। जिसकी मृत्यु होने के बाद वृद्ध महिला जब अपने घर में निवास करने गई तो उन्हें आधिपत्य नहीं मिल सका। इसकी जानकारी मिलने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने तुरंत पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए घर का आधिपत्य देने के लिए कहा,
सुनवाई के अन्य मामले में आवेदिकागण जो कि शासकीय कर्मचारी है के द्वारा अवकाश स्वीकृत ना होने की शिकायत आयोग के समक्ष की गई थी आयोग के समक्ष हाजिर होने पर यह ज्ञात हुआ कि आयोग की नोटिस अन आवेदक को मिलते ही अन आवेदक द्वारा 20 अक्टूबर 2020 को सुनवाई के ठीक 2 दिन पूर्व ही अवकाश स्वीकृत कर दिया गया है जिसकी जानकारी आवेदकगणों को आयोग के समक्ष हाजिर होने पर हुई जिसमें आवेदिकागणों द्वारा डॉ. किरणमयी नायक का आभार व्यक्त किया गया।
एक अन्य प्रकरण में पिता और पुत्री के मध्य संपत्ति विवाद में पुत्री और पिता दोनों को अपने-अपने पक्ष के समर्थन में संबंधित दस्तावेजों को लेकर आगामी सुनवाई की तिथि पर आयोग में उपस्थित होने को निर्देशित किया गया। जिस पर दोनों पक्षों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई इसके अतिरिक्त आयोग के अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध जो कि स्वास्थ्य विभाग के आरएचओ के पद पर पदस्थ हैं पत्नी और पुत्री को कोई भरण पोषण राशि ना देकर प्रताडि़त करने की जानकारी दी जिसे आयोग के द्वारा तत्काल गंभीरता से लिया जा कर संबंधित अधिकारी के उच्च अधिकारिय को पत्र के माध्यम से भरण पोषण राशि हेतु अधिकारी के वेतन से आधा वेतन सीधे प्राप्त करने का आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया और उसके पश्चात आयोग के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया गया, एक अन्य मामले में अनावेदकगणों की अनुपस्थिति होने पर एसपी राजनांदगांव के माध्यम से आगामी सुनवाई तिथी पर उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया,
इसके अतिरिक्त आयोग ने कई विभागों में आंतरिक परिवाद समिति गठन पर जोर दिया जाकर उनकी रिपोर्ट के अवलोकन के पश्चात महिला उत्पीडऩ से संबंधित शिकायत का निराकरण किए जाने की बात कही, आयोग के समक्ष कुल 15 प्रकरण सहित एक नया प्रकरण तत्काल लिया गया 15 प्रकरणों में से 8 प्रकरण निराकृत होकर नस्तीबध हुए शेष 7 प्रकरणों को आगामी सुनवाई हेतु आयोग में उपस्थिति होने हेतु निर्देशित किया गया।