तीन दिनों की तेजी के बाद सस्ता हुआ सोना वायदा, चांदी भी लुढ़की

नई दिल्ली : वैश्विक बाजारों में गिरावट के साथ आज घरेलू बाजार में भी सोने और चांदी की वायदा कीमत गिर गई। इससे पहले पिछले तीन दिनों से सोने की कीमत में इजाफा हो रहा था। एमसीएक्स पर दिसंबर का सोना वायदा 0.45 फीसदी गिरकर 51,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि चांदी वायदा 1.2 फीसदी घटकर 62,847 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में, सोने में 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी। वहीं कल एमसीएक्स पर चांदी की दर 0.7 फीसदी बढ़ी थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में इतनी कम कुई कीमत…
पिछले सत्र में एक सप्ताह के उच्च स्तर 1,931.01 डॉलर पर पहुंचने के बाद आज हाजिर सोना 0.2 फीसदी गिरकर 1,920.86 डॉलर प्रति औंस हो गया। स्थिर डॉलर का भी सोने पर दबाव डला। अन्य मुद्रा धारकों की तुलना में डॉलर इंडेक्स 0.21 फीसदी उछल गया। अन्य कीमती धातुओं में चांदी 0.4 फीसदी गिरकर 24.96 डॉलर प्रति औंस पर आ गई, जबकि प्लैटिनम 0.2 फीसदी बढ़कर 887.74 डॉलर हो गया।
लेकिन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी द्वारा प्रोत्साहन पैकेज को लेकर व्हाइट हाउस के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत जारी है। मालूम हो कि सोने को महंगाई और मुद्रा में गिरावट के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है।

वैश्विक बाजारों में, अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज पर अनिश्चितता के बीच सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर सहमति नहीं जताने का आरोप लगाया। इस बीच चिंताएं बढ़ गईं कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक नए अमेरिकी राजकोषीय सहायता पैकेज पर समझौता नहीं हो पाएगा।

वैश्विक बाजारों में, इस साल अगस्त में सोना 2,072.50 डॉलर के सर्वकालिक शिखर पर पहुंच गया था क्योंकि केंद्रीय बैंकों ने आर्थिक मंदी और बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के मद्देनजर ब्याज दरों में कटौती की थी। भारत में सोना सात अगस्त को 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग मंगलवार के 1,269.93 टन के मुकाबले बुधवार को 0.1 फीसदी गिरकर 1,269.35 टन रही।

त्योहारी सीजन में बढ़ेगी मांग…
भारत में इस साल वैश्विक स्तर के अनुरूप सोने की कीमतें 25 फीसदी बढ़ी हैं। विश्लेषकों को उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर और सामान्य बाजार जोखिम धारणा में तेजी के आधार पर सोने की कीमत में गिरावट बनी रहेगी। विश्लेषकों के उम्मीद जताई कि भारत में सोने की मांग त्योहारी सीजन में बढ़ेगी। सोना व्यापक प्रोत्साहन उपायों से प्रभावित होता है क्योंकि इसे व्यापक रूप से मुद्रास्फीति और मुद्रा में आई गिरावट के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है।

 

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