रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा संघ द्वारा स्कूली बच्चों को प्रदान किए जाने वाले गणवेश की सिलाई के लिए पंजीकृत महिला स्व सहायता समूह के साथ दोहरा बर्ताव किया जा रहा है। हाथकरघा संघ के अधिकारी बीपी मनहर कमीशन लेकर महिलाओं को काम देते हैं, जो कमीशन नहीं देगा उस महिला समूह के रोजगार के सारे रास्ते बंद कर दिए जाते हैं। यह आरोप लगाया है प्रदेशभर से आई महिलाओं ने। रायपुर के बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल पर हाथ करघा महिला स्व सहायता समूह संगठन के बैनर तले महिलाएं धरना दे रही हैं। महिलाओं का कहना है कि अधिकारियों की इस रवैये से वो बेहद परेशान हैं।
राज्यपाल और सीएम के नाम ज्ञापन…
धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए महिलाएं रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद और धमतरी से पहुंची थीं। यह महिलाएं सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाली यूनिफॉर्म की सिलाई का काम करती हैं। सिलाई का यह काम सरकारी विभागों से इन्हें दिया जाता है। लेकिन इस बीच कई अफसर अपनी मनमानी करते हुए कमीशन का खेल चला रहे हैं। जिसकी वजह से महिलाओं तक काम नहीं पहुंच पा रहा और लॉकडाउन की वजह से इनकी आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है। महिलाओं ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है।
बाकायदा एजेंटों की नियुक्ति…
रायपुर के चंगोराभाठा इलाके के रहने वाले अजय हटवार, कोटा निवासी राजेश साहू, आमानाका निवासी उत्तम देवांगन नाक के लोग इस कमीशनखोरी में शामिल हैं। महिलाओं ने दावा किया- यह लोग अधिकारियों से कमीशन जुटाने का काम करते हैं। यही लोग महिला स्व सहायता समूह को काम दिलवाने का वादा कर कमीशन की सेटिंग करते हैं। इसलिए महिलाएं, अधिकारी बीबी मनहर को हटाने की मांग कर रही हैं। स्कूल शिक्षा विभाग और राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत स्कूली बच्चों को दिए जाने वाली यूनिफार्म का काम राज्य हथकरघा विकास और विपणन सहकारी संघ मर्यादित के तरफ से महिला स्व सहायता समूह को दिया जाता है। अधिकारियों के भ्रष्ट रवैये की वजह से अब यह पूरा काम विवादों के घेरे में आ चुका है।