रायपुर। आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल ने मीडिया के माध्यम से एक खुलासा करते हुए बताया है कि आरटीआई के तहत मरवाही वनमंडल में कुल कितने स्टॉप डैम, डब्ल्यूबीएम रोड और अन्य कार्यों की जब जानकारी मांगी गई थी तो जन सूचना अधिकारी द्वारा उस विषय में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई जिसके बाद 19-08-2020 को मुख्य वन संरक्षक, बिलासपुर को इस बाबत अपील की गई जिसके उपरांत सीसीफ, बिलासपुर द्वारा 03-09-2020 को एक पत्र जारी कर 07-09-2020 को अपील पर सुनवाई हेतु बुलवाया गया जिसका पत्र मुझे 08-09-2020 को प्राप्त हुआ। उसके बाद पुनः सीसीफ, बिलासपुर का एक पत्र क्रमांक 15680 दिनांक 09-09-2020 अपीलीय पेशी तारीख 14-10-2020 दिया गया। तत पश्चात पुनः एक पत्र क्रमांक 15767 दिनांक 15-09-2020 अपीलीय पेशी तारीख 21-09-2020 को कर दी गई लेकिन इस बाबत नियम विरुद्ध तरीके से दी गई नई अपीलीय पेशी तारीख जिसकी जानकारी मुझे विलंब से प्राप्त हुई। उसके बाद 05-10-2020 को बिना किसी तारीख के पत्र क्रमांक 6123 से एक अपील पर सुनवाई करते हुए अपीलार्थी की अनुपस्थिति में उसके बिना जानकारी के निराकरण कर दिया गया।
संजीव अग्रवाल ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने मरवाही वनमंडल में अरबों रुपये के भ्रष्टाचार किया है जिसे आज अधिकारी छुपाने में लगे हुए हैं। संजीव अग्रवाल ने मौजूदा कांग्रेस सरकार और सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि इस विषय को संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्रवाई करें और भाजपा सरकार ने जितने भी घोटाले किए हैं उनकी निष्पक्ष जांच हो।
संजीव अग्रवाल ने भाजपा से प्रश्न किया है कि क्या भारतीय जनता पार्टी मरवाही उपचुनाव में अपने 15 सालों के कार्यकाल में किए गए भ्रष्टाचारों के बलबूते जनता से वोट मांगेगी? या फिर उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के बलबूते पर चुनाव जीतेगी?