नई दिल्ली : महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पूछताछ के लिए गुरुवार को रांची के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार 83 साल के स्वामी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले उन्होंने भीमा-कोरेगांव मामले में अपनी किसी भी तरह की संलिप्तता होने से मना किया था।
एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि स्वामी सीपीआई (माओवादी) के सदस्य हैं। स्वामी को सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों के लिए एक सहयोगी के माध्यम से धन प्राप्त हुआ। उनके पास से भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों और सीपीआई (माओवादी) की प्रचार सामग्री, साहित्य और प्रोपेगैंडा से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
एनआईए के दो अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि स्वामी को भीमा कोरेगांव की जांच के सिलसिले में रांची से हिरासत में लिया था। हालांकि अधिकारियों ने यह जानकारी देने से मना कर दिया कि उनसे दोबारा पूछताछ क्यों की जा रही है। उनका कहना है कि स्वामी को पूछताछ के लिए गुरुवार को रांची स्थित दफ्तर में बुलाया गया था और इस मामले में उनकी भूमिका को लेकर पूछताछ की गई।
बता दें कि यह मामला 31 दिसंबर, 2017 के एल्गार परिषद की घटना से संबंधित है। इससे पहले स्टैन स्वामी से रांची में सात अगस्त को दो घंटे पूछताछ की गई थी और बाद में उन्हें आगे की पूछताछ के लिए मुंबई के एनआईए कार्यालय में बुलाया गया था। हालांकि उन्होंने एजेंसी को सूचित किया था कि वह अपना उम्र और कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्रा नहीं कर सकते हैं।
Stan Swamy received funds through an associate for furtherance of CPI (Maoist) activities. Documents related to communications for furthering the activities of CPI (Maoist) & propaganda material of the CPI (Maoist) as well as literature, seized from his possession: NIA sources https://t.co/CQDl1KlAtk
— ANI (@ANI) October 9, 2020