संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का इस्तेमाल देशों द्वारा गैर-पारदर्शी कामकाज के तरीकों और प्रक्रियाओं को लागू कर विश्वसनीय सबूत के बिना “प्रतिशोधी इरादे से निर्दोष नागरिकों का नाम आतंकवादी के रूप में” लेने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। भारत ने 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तान द्वारा चार भारतीय नागरिकों को सूचीबद्ध करने की असफल कोशिश का उल्लेख करते हुए कहा है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने लिए भारतीय नागरिकों अंगारा अप्पाजी, गोबिंदा पटनायक, अजॉय मिस्त्री और वेणुमाधव डोंगरा के नाम पेश किए थे।
हालांकि, पाकिस्तान की यह कोशिश पिछले महीने नाकाम हो गई थी, जब अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम द्वारा अप्पाजी और पटनायक को सूचीबद्ध करने के कदम पर रोक लगा दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों के कहा, इन व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने के लिए पाकिस्तान द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया था। इसी तरह, इससे पहले मिस्त्री और डोंगरा को सूचीबद्ध करने के पाकिस्तान के प्रयास को जून/जुलाई के आसपास परिषद ने रोक दिया था।
यूएन में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव और कानूनी सलाहकार यूएन येदला उमाशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की 6 वीं समिति में ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने के उपाय’ पर कहा, “हम मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी मंच बना हुआ है।”
“हालांकि, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गैर-पारदर्शी कामकाजी तरीकों और प्रक्रियाओं को लागू कर और विश्वसनीय सबूत के बिना निर्दोष नागरिकों के नाम को आतंकवादी के रूप में पेश किए जाने के लिए देशों द्वारा प्रतिशोधात्मक इरादे से मंच का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।”
पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, “भारत अपनी सीमाओं पर प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है और यह अभी भी जारी है। हमें अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच क्रूर संबंध का पहले से अनुभव है।”
उमाशंकर ने कहा कि भारत अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा करता है और कोई भी कारण या शिकायत आतंकवाद को उचित नहीं ठहरा सकती है, जिसमें राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद शामिल है।
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में न केवल आतंकवादियों को खत्म करने और आतंकी संगठनों / नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश की जानी चाहिए, बल्कि उन देशों को पहचानना/पकड़ना और जवाबदेह बनाना चाहिए और उनके खिलाफ मजबूत कदम उठाने चाहिए जो आतंकवाद को प्रोत्साहित, समर्थन और वित्त प्रदान करते है, आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों को अभयारण्य प्रदान करते हैं।”
We believe our fight against terrorism…should also identify/hold accountable & take strong measures against States that encourage, support & finance terrorism, provide sanctuary to terrorists & terror groups:First Secretary/Legal Adviser at India’s Permanent Mission to UN#UNGA https://t.co/2hRz2Pnclt
— ANI (@ANI) October 8, 2020