यशवंत गिरी गोस्वामी,धमतरी : कोविड 19 बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नवरात्रि पर्व को लेकर शासन द्वारा जारी किए गाइडलाइन को लेकर विरोध शुरू हो गया है। श्री राम हिंदू संगठन ने इसे हिंदू विरोधी निर्देश बताते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की बात कही है। श्रीराम हिंदू संगठन का कहना है कि इससे धार्मिक आस्था को क्षति पहुंच रही है ऐसे में इस दिशा निर्देश को परिवर्तन कर दुर्गा पंडाल पूर्व की भांति छूट दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही इस दौरान जिले की सभी मंदिरा दुकानें भी पूर्ण रूप से बंद करने की मांग सदस्यों ने की है।
बता दे कि आगामी 17 अक्टूबर से दुर्गा नवरात्र उत्सव शुरू हो रहा है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे है। इसी के तहत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जय प्रकाश मौर्य ने कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव एवं रोकथाम को ध्यान में रख नवरात्र पर्व के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है। इस आदेश के तहत मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 6×5 फीट से अधिक नहीं होगी। वही मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से अधिक नही बनाया जा सकेगा। इसी तरह किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति होने की निर्देश दिए गए है। साथ ही पंडालों में चार सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए है। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के भोज,भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की भी अनुमति नहीं दी गई है।
इस मामले में श्री राम हिन्दू संगठन का कहना है कि शासन के इस आदेश के तहत कोई भी समिति नवरात्रि में मूर्ति स्थापना नही सकती है क्योंकि जो आदेश दिए गए है उससे कई सारी अड़चने होगी।पंडाल छोटा बड़ा करने से कोरोना संक्रमण का कोई लेना देना नही है। पंडालों में 4 सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना संभव नही है। साथ ही इससे कई रोजगार प्रभावित भी होंगे, जिनमें किराया भंडार,साउंड सहित अन्य कार्य प्रभावित होंगे।
श्री राम हिन्दू संगठन के सदस्यों ने हिंदू आस्था को ध्यान में रखते हुए आदेश निरस्त करने की मांग जिला प्रशासन से की है ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से जिला संयोजक प्रवीण साहू, प्रतीक सोनी, कोमल संभाकर , प. ननकू महाराज, देवेश अग्रवाल, वीरेंद्र साहू, जयदीप बिस्वास, सूरज सोनी, रिषभ रजक,संदीप देवांगन, इन्द्रेश भक्त, सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।