अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एन.एच.एम कर रहे पुकार, सरकार सुनो गुहार

 

रायपुर। छ.ग. प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ द्वारा अपनी एक सूत्रीय नियमितीकरण मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे है। ये कर्मचारी विगत 5-15 वर्षो से लगातार अपनी सेवाऐं स्वास्थ्य विभाग को देते आ रहे है साथ ही समय-समय पर भी अपनी मांगो से शासन/प्रशासन को अवगत कराते रहे हैं। वर्तमान में कोविड-19 वैश्विक महामारी में भी इनके द्वारा अपनी जीवन की परवाह किये बगैर पिछले 06 महिनों से लगातार दिन-रात, घर-परिवार, बीवी-बच्चों एवं अपने स्वजनों से दूर रहकर मानवीय सेवाओं लगे हुये है, इस उम्मीद से की कल सरकार हमको नियमित करेंगे । अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाने से पूर्व एन.एच.एम. कर्मचारियों द्वारा घोषणा पत्र में किये गये वादो को याद दिलाते हुये अपनी मांग को पुनः रखा गया है किन्तु आज पर्यन्त तक सरकार द्वारा इनके जायज मांगों पर विचार नहीं किये जाने कारण मजबूरवश अनिश्चित कालीन हड़ताल का इन्हें निर्णय लेना पड़ा।
श्री गोपाल गिरी गोस्वामी बताते है कि हमारे घर, परिवार एवं स्वजनों को इस बात की चिंता है कि हमारा भविष्य क्या होगा और हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी उसी तरह चिंतित है, कि आगे हमारा भविष्य क्या होगा। यह पीड़ा केवल एन.एच.एम. कर्मचारियों का ही नहीं है ये प्रदेश के 1लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारियों की पीड़ा, हमारे पूरे परिवार की पीड़ा है।
विदित है पिछली सरकार में रहे विपक्ष के लोग हमारे पंडालो, सभास्थलो में आ आ कर के चिल्ला चिल्ला कर वर्तमान सरकार को कोसती रही है तत्कालीन सरकार को कोसती रही है और जब भी सरकार में आये तो उन्होंने 10 दिवस के भीतर नियमित करने एवं अपने जन घोषणा पत्र में भी नियमित करने के वादे किये हैं उस समय में विपक्ष की सरकार आज की वर्तमान सरकार है।
कोरोना महामारी के इस काल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जिस जज्बे के साथ सेवा दी है वो सिर्फ सम्मान और हार मालाओं से ही काफी नहीं है वर्तमान सरकार को उनके हितों के बारे में भी सोंचना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है उनकी पूर्ण जिम्मेदारी है, सत्ता में आते ही महासंघ के कार्यक्रम दिनांक 14.02.2019 को पधारकर महासंघ के मंच से मान. मुख्मयंत्री जी, छ.ग. शासन द्वारा ये साल किसान के लिये किया गया है आने वाला साल (2020) कर्मचारियों के लिये किये जाने की घोषणा किया गया है।
शासन/प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की मांग पर बिना विचार-विमर्श, बात-चित और समाधान निकाले बगैर, इन्हें सेवा समाप्ति एवं दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है, जो कोविड-19 वैश्विक महामारी एवं माननीय दृष्टिकोण न्यायोचित नहीं है।
महासंघ इसकी घोर निंदा करता है साथ ही प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों में कार्यवाही को लेकर काफी रोष व्याप्त है। माननीय मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री जी से आग्रह कर निवेदन है कि कर्मचारियों पर की गई समस्त कार्यवाही अविलंब शुन्य करते हुये बाच-चित के माध्यम से कर्मचारियों की मांगों का यथाशीघ्र उचित समाधान करे। यथाशीघ्र समाधान नहीं होने की स्थिति में महासंघ भी अपने 1.80 कर्मचारियों के साथ हड़ताल में जाने के लिये बाध्य होंगे। जिसकी सम्पर्ण जवाबदारी शासन/प्रशासन की होगी।

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