विपुल कनैया,राजनांदगांव : जिले का कोविड-19 हॉस्पिटल सफेद हाथी साबित हो रहा है, इस हॉस्पिटल में मेडिकल कॉलेज की डीन का नियंत्रण नही रहा। हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को खाना-पीना तो दूर दवा तक नशीब नही हो रही है। शासन कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है। रोजाना लगभग 50 मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे है।
संक्रमित मरीजों की पहचान होते ही स्वास्थ्य विभाग संक्रमित मरीजों को घरों से उठाकर कोविड-19 पेंड्री स्थित हॉस्पिटल में भर्ती कर रहे है, लेकिन इन मरीजों का कितना देखभाल और बेहतर ईलाज हो रहा है या नही। कोरोना भय के चलते जनप्रतिनिधि तो दूर कोई पत्रकार भी हॉस्पिटल तक नही पहुंच रहा है। जिसके चलते हॉस्पिटल में मौजूदा स्टाफ जो अपने आप को कोरोना योद्धा बताते है, अपनी मनमानी कर रहे है,हॉस्पिटल के अंदर भर्ती मरीजों से रोजाना बाहर खबरें आ रही है, डॉक्टर और मौजूद स्टाफ के लापरवाही की। बावजूद शासन-,प्रशासन के कानों में जूं तक नही रेंग रही है। कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती मरीज की जुबानी हॉस्पिटल के भीतर के हालात की व्यथा सुने