अयोध्या : श्रीरामजन्मभूमि परिसर में हुए समतलीकरण कार्य के दौरान कई प्राचीन अवशेष मिले हैं। जिन्हें ट्रस्ट अमूल्य धरोहर मानकर संजोने का प्लान बना रहा है। समतलीकरण के दौरान मूर्तियां और कई स्तंभ प्राप्त हुए हैं।12 टन पत्थर के टुकड़े मिले हैं साथ ही कई प्राचीन कलाकृतियां भी पाई गई हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर परिसर में एक म्यूजियम बनाने की व्यवस्था कर रहा है। जहां श्री राम जन्मभूमि परिसर में मिले सभी प्राचीन अवशेषों को श्रद्धालुओं को दिखाने की व्यवस्था होगी।
ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि भगवान राम के जन्म स्थान पर समतलीकरण के दौरान मिले अवशेष किसी खजाने से कम नहीं हैं। नक्काशीदार जो पत्थर मिले हैं, वह हिंदुस्तान का अमूल्य खजाना है। आगे जो भी अवशेष मिलेंगे उसे सुरक्षित रखा जाएगा। ऐसी जगह रखा जाएगा जहां सब लोग उसका दर्शन कर सकें।
राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण के दौरान बड़ी मात्रा में पत्थर के टुकड़े और प्राचीन कलाकृतियां प्राप्त हुईं हैं। इसमें कई दुर्लभ कलाकृतियां शामिल हैं। वर्ष 1912 के कई आमलक मिले हैं, मूर्तियां और खंभे भी मिले हैं, जिसके अंदर यक्षिणी की कलाकृतियां मिली हैं। ढांचा गिरने से पहले जून 1992 में मिले अवशेषों को भी सुरक्षित रखा गया है। राम जन्मभूमि परिसर में 4 फीट लंबा एक प्राचीन शिवलिंग भी मिल चुका है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का मानना है कि श्रद्धालुओं को राम मंदिर की प्रतीक्षा है। ऐसे ही नहीं ट्रस्ट की पहली प्राथमिकता मंदिर निर्माण है। राम मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि परिसर में 5 से 6 एकड़ का क्षेत्र निकालकर बाकी के विकास का अलग से रोडमैप तैयार किया जा रहा है। आगे श्री राम जन्मभूमि परिसर के शेष 65 एकड़ में विकास का कार्य चलता रहेगा।
ट्रस्ट का कहना है कि राम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा और परकोटा का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ सुरक्षा की दृष्टि से सिक्योरिटी वॉल भी बनाई जाएगी।