रमेश भट्ट,कोटा : वन मंडल बिलासपुर जिले के कोटा वन विभाग परिक्षेत्र में इन दिनों, लाखों रुपए का वन धन केन्द्र भवन निर्माण भरष्टाचार का भेंट चढ़ रहा है, केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना वन धन योजना लागू की गई है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में,इसका मूल्य उद्देश्य पिछड़े हुए जनजाति लोगों के (जो जंगल में निवास करते हैं)उनके द्वारा उत्पन्न किए गए या जंगल से एकत्र किए गए वस्तुओं को या उत्पादों को बाजार में उचित मूल्य पर बिकवाना है और अगर जनजाति लोगों को किसी प्रकार की हानि होती है उनका भरपाई भी करना , साथ ही इन लोगों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करना है ।
जिसके लिए कोटा वनविभाग द्वारा, लगभग 19 लाख रुपए का भवन निर्माण कराया जा रहा है, जिसे मटेरियल सप्लाई करने के लिए, बिलासपुर के ठेकेदार को दे दिया गया है, ठेकेदार मटेरियल सप्लाई के साथ साथ, वन धन भवन का निर्माण भी करा रहा है, जिसमें काफी अनियमितता, बर्ती जा रही है,, भवन निर्माण के कार्य सभी प्रकार के नियम कायदे को ताक में रख कर कराया जा रहा है, जहाँ 10 एएम, 12 का शरिया लगना चाहिए था वहाँ सिर्फ 6 व 8 एमएम का ही शरिया लगा दिया गया है,
वहीँ जब इस मामले में संबंधित अधिकारी, रेंजर उमेश वस्त्रका से जानकारी लेने उनके कार्यकाल गए तो उनका कहना था,अभी जनपद मीटिंग में जा रहा हूँ बाद में मीटिंग से आने के बाद बताऊँगा,रेंजर की इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर वन विभाग कोटा मे कमीशन, खोरी कहें या फिर किसके सह पर चल रहा है, प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना वन धन,योजना के लिए बन रही नवनिर्मित भवन निर्माण में, भ्रष्टाचार का आखिर कौन है जिम्मेदार, बहरहाल देखने वाली बात है, ऐसे जिम्मेदार, कर्मचारी पर क्या जाँच क्या कार्यवाही होती है,