ग्वालियर : गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद सीमा पर जारी तनाव के बीच हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक ऐसी शर्त रखी है कि आपका भी सीना देशभक्ति से चौड़ा हो जाएगा. दरअसल एक मामले में सुनवाई के दौरान होईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत देने के लिए रैन बसेरे में एलईडी टीवी लगवाने को कहा. साथ ही हाईकोर्ट ने शर्त रखी कि एलईडी टीवी मेड इन चाइना नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा हाईकोर्ट ने आरोपियों से टीवी की फोटो होईकोर्ट की रजिस्ट्री शाखा में भी पेश करने को कहा है.
लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद…
ग्वालियर एडीएम के मुताबिक दतिया जिले के बड़ौनी थाना क्षेत्र में अरविंद पटेल और कमलेश के खिलाफ गाली-गलौज और हत्या का मामला दर्ज हुआ था. दोनों 18 फरवरी 2020 से ही जेल में हैं. लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दोनों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. इसी मामले में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई थी. मामले की सुनवाई करने के दौरान न्यायमूर्ति शील नागू ने कमलेश और अरविंद को जमानत का लाभ दिया, लेकिन उन्हें रैन बसेरे के आश्रय गृह में 25,000 रुपए की एलईडी टीवी लगवाने का आदेश दिया. साथ ही टीवी के मेड इन चाइना नहीं होने का भी शर्त रखा
हाईकोर्ट के आदेश का एडीएम ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद आरोपियों को समाज सेवा करने का मौका मिलेगा. साथ ही जिस तरह से भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है, उससे आरोपियों में देशभक्ति भी बढ़ोगी. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट कोरोना वायरस में काम करने पेड़-पौधे लगाने और समाज सेवा करने की शर्त पर भी लोगों को जमानत देता रहा है.
हालांकि इस मामले में आरोपियों के वकील से बात नहीं हो सकी. क्योंकि उनके वकील पारिवारिक काम से जिले से बाहर गए हैं. साथ ही आरोपियों का भी बयान नहीं लिया जा सका, क्योंकि अभी तक उन्होंने एलईडी टीवी आश्रय घर में नहीं लगाई और अभी भी जेल में हैं.