मम्मा का 60वां पुण्य स्मृति दिवस 24 जून को

ब्रह्माकुमारीज़ की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 60वां पुण्य स्मृति दिवस 24 जून को मनाया जाएगा
– संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने प्रथम प्रशासिका के रूप में किया था नियुक्त

आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) का 60वां पुण्य स्मृति दिवस मुख्यालय शांतिवन में मंगलवार को मनाया गया। इस मौके पर उनकी याद में ब्रह्ममुहूर्त से देर रात तक योग-तपस्या का दौर जारी रहेगा। वहीं सुबह 8 बजे से डायमंड हाल में पुष्पांजली कार्यक्रम होगा, जिसमें संस्थान के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मम्मा के के अनुभव सांझा करते हुए पुष्पांजली अर्पित करेंगे।
वर्ष 1919 में अमृतसर के साधारण परिवार में मम्मा का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम ओम राधे था। जब आप ओम की ध्वनि का उच्चारण करती थीं तो पूरे वातावरण में गहन शांति छा जाती थी, इसलिए भी आप ओम राधे के नाम से लोकप्रिय हुईं। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभावान थीं। ब्रह्मा बाबा ने कोई भी ज्ञान की बात आपको कभी दोबारा नहीं सिखाई। आप एक बार जो बात सुन लेती थीं उसी समय से अपने कर्म में शामिल कर लेती थीं। 24 जून 1965 को आपने अपने नश्वर देह का त्याग करके संपूर्णता को प्राप्त किया था।

1965 तक मुख्य प्रशासिका की निभाई जिम्मेदारी-
मीडिया निदेशक बीके करुणा ने बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की वर्ष 1937 में स्थापना के समय संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने जब माताओ-बहनों के नाम एक ट्रस्ट बनाया तो उसकी जिम्मेदारी सबसे पहले मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) को दी गई थी। तब से लेकर 24 जून 1965 तक आपने इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बागडोर बड़ी ही कुशलता के साथ निभाई। कम उम्र होने के बाद भी आपका गंभीर व्यक्तित्व और ज्ञान की गहराई से सभी अंचभित रह जाते थे। 24 जून 1965 को मम्मा के अव्यक्त होने के बाद ब्रह्मा बाबा ने राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि को संस्थान की कमान सौंपी थी।

फोटो- 23 एबीआर- मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा)।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *