शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार)



छत्तीसगढ़ के विषय में पहले सीएम स्व.अजीत जोगी ने कहते थे कैसी विडंबना है कि ‘अमीर धरती गरीब लोग…’ फिर हम केंद्र सरकार की दया पर क्यों निर्भर रहें…! हमें स्वयं आत्मनिर्भर होनाहोगा छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने बड़ी फुरसत से गढ़ा है।यहां 44 %क्षेत्र वनों से परिपूर्ण है।देश का16.86%कोयला 15.67 % लोहा, 5.15 % चूना पत्थर,11.24 %डोलो माईट, 4.50 %बाक्साइड, 37.69 % टिन,1.06% कोरंडम,13 % ग्रेनाइट,0. 23% स्वर्ण अयस्क तथा 0.55 % स्वर्ण धातू धरती के भीतर होने का अनुमान है। छग में हीरा की किम्बर लाईटपाईप होने की पुष्टि भी हो चुकी है। गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र में हीरा की मातृशिला किम्बरलाइट की 6 पाईप लाईन बेहरा डीह,पायलीखंड,जांगड़ा, कोरोमाली, कोसमबुड़ा, बेहराडीह क्षेत्रों में होने की संभावना प्रकट की गई है। बेहराडीहऔर पायलीखंड में तो किम्बर लाइट पाईप में हीरा होने की पुष्टि भी हो गई है। वैसे पहले सीएम अजीत जोगी के कार्यकाल में 2002-2003 में ही एक निजी कंपनी के हीरा पूर्वे क्षण खनन लायसेंस को निरस्त कर दिया गया था, संबंधित कंपनी ने हाईकोर्ट बिलासपुर से स्थगन लिया था। बाद में 15 साल तक एक ही पार्टी भाजपा की सरकार रही, केवल एक ही डॉ. रमन सिंह सीएम रहे.. हाईकोर्ट में इस मामले में पेशी-दर-पेशी ही चलती रही..,15 साल की भाजपा की सत्ता को हटाकर 68 (उपचुनाव के बाद 69)सीटेँ जीत कर भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार बन गई है।पर हीरा पूर्वेक्षण खनन के मामले में न्यायालय में कुछ प्रगति नहीं हुई, छत्तीसगढ़ बना था तो इसे करमुक्त राज्य बनाने का सपना भी दिखाया गया था। पर क्या हुआ..अब भाजपा की विष्णुदेव सरकार बन चुकी है, पूर्व आईएएस ओपी चौधरी वित्तमंत्री हैं,कर्ज लेकर छ्ग सरकार चल रही है।ऐसे में छत्तीसगढ़ को आत्म निर्भर बनाने गर्भ में छिपा हीरा बड़ी भूमिका निभा सकता है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर 22-23 सालों से बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित हीरा मामला किस स्थिति में है, मामले के निराकरण में क्या दिक्कतें है…!विष्णुदेवसाय सरकार को चाहिए कि बड़े वकीलों का पैनल बनाकर लंबित मामले का निरा करण कराना चाहिये उन्हें इसके लिए व्यक्तिगत रूचि भी लेनी होगी…।
209 करोड़ की बोधघाट
परियोजना अब 49 हजार
करोड़ की…..!
करीब 4 दशक पुरानी बस्तर की महत्वाकांक्षीबोध घाट सिंचाई परियोजना को केंद्र ने हरीझंडी दे दी है, विष्णु देव सरकार अब जल्दी आगे बढ़ेगी। 49 हजार करोड़ की योजना से दंतेवाड़ा,सुकमा, बीजापुर जिले में 3 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी तो 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा। यह बात और है कि 14 हजार 240 हेक्टेयर क्षेत्र (कुल 44 गांव, इनमें 19 गांव आंशिक रूप से ) डूबान क्षेत्र में आएंगे।वैसे बोधघाट परियोजना का इतिहास जानना जरूरी है। बस्तर के बारसूर में 500 मेगावाट (4 यूनिट -125 मेगावाट)उत्पादन क्षमता के लिए प्रस्तावित थी। परि योजना का सर्वेक्षण 1968 में प्रारंभ किया गया था। भारत सरकार ने 1979 में पर्यावरण स्वीकृति प्रदान की थी। पर्यावरण मंत्रालय ने 5700 हेक्टेयर वन भूमि के परियोजना निर्माण को प्रयोग की अनुमति दी थी। केंद्रीय जल आयोग कीविशे षज्ञ समिति ने 8 अप्रैल 19 81 को परियोजना स्थल का निरीक्षण कर निर्माण हेतु अनुमोदन भी कियाथा। परियोजना को 6 साल में पूरा करना था तब इस परि योजना की लागत 209. 20 करोड़ आंकी गई थी। जब 1981 में निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ,वित्तीय अड़चन के चलते तब मप्र सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने विश्वबैंक से 500 करोड़ का सशर्त ऋण भी स्वीकृत करा लिया पर तब के कुछ बस्तर के नेताओं ने 42गांव तथा 10 हजार लोगों के विस्थापित होने पर पीएम को हजारों पत्र, वन विनाश की दुहाई देकर परियोजना को निरस्त करने का अनु रोध किया। बाद में इनमें से अधिकांश आदिवासी नेता मालिक मकबूजा मेंसंलिप्त भी पाये गये। बहरहाल योजना निरस्त कर दी गई और भारत सरकार को ऋण राशि लौटने के अति रिक्त भी जुर्माने के तौर पर 5 करोड़ डालर का भुगतान भी विश्व बैंक को करनापड़ा था। वैसे यह बताना जरूरी है कि उसी कालखंड में ओडिशा के नवरंगपुर के निकट 600 मेगावाटविद्युत उत्पादन,सिंचाई परियोजना के लिये इंद्रावती नदी में बांध का निर्माण किया जा रहा था। वह योजना तो पूरी हो गई पर बस्तर की यह योजना शैशवकाल में ही रोक दी गई…चलो विष्णु सरकार की इच्छाशक्ति से यह परियोजना मूर्तरूप लेकर रहेगी। यह बात और है कि 209.20 करोड़ की तब की प्रस्तावित यह परि योजना की लागत अब 49 हजार करोड़ के करीब हो चुकी है।
कुछ मंत्रियों को हवा
में नहीं ‘उड़ने’ की
नसीहत….
छ्ग में विष्णु देव सरकार के कुछ 2-3 मंत्रियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने तथा जनता के सामने अपनी छवि सुधारने की हिदायत भाजपा संग ठन ने दी है, विधायकों, कार्यकर्त्ताओं सहित आम लोगों से अपना व्यवहार सुधारने राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रसाद, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन,क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जाम वाल,प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने 2 स्तरों पर मंत्रियों से व्यक्तिगत चर्चा की। सूत्रों की मानें तो 2/3 मंत्रियों की शिकायतोँ पर उन्हें लगभग चेतावनी दी गई है!हवा में उड़ने की जगह जमीन में पैर रखने की हिदायत दी है। संगठन के बड़े नेताओं के रुख से लग रहा है कि आगामीमंत्रि मंडल विस्तार में 2 या 3 मंत्री हटाये जाएँ तो आश्चर्य नहीं होगा, असल में पहली बार विधायक बने नेता मंत्री से डिप्टी सीएम तक बनाये गये हैं जिनमे कुछ के पैर तो जमीन पर नहीं पड़ रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने छ्ग के एक
आईपीएस के बारे में
मांगी रिपोर्ट….
छग के मोहला-मानपुर के एसपी यशपाल सिंह की नियुक्ति को लेकर हुईशिका यत मामले में गृह मंत्रालय ने छग सरकार, यूपीएससी से रिपोर्ट मांगी है। दरअसल यशपाल सिंह के खिलाफ एक सोशल एक्टिविस्ट ने बीएसएफ से छग राज्य पुलिस सेवा में समायोजन और फिर आईपीएस पदो न्नति को लेकर शिकायत की थी।जिस पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए पूरे मामले में छग के मुख्य सचिव और संघ लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र भेजा है। केन्द्र ने इस मामले पर जांच, आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।शिकायत में कहा गया है कि यशपाल सिंह पहले बीएसएफ में कमांडेंट थे,उन्हें नियमों कोदरकिनार कर छग राज्य पुलिस सेवा में मर्ज कर लिया गया। बाद में वर्ष 2019 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में पदोन्नति दे दी गई। साथ ही,उन्हें 2013 बैच के आई पीएस के रूप में पदस्थ किया गया।इतना ही नहीं, यह आरोप भी है कि उनके खिलाफ आर्थिकअपराध अन्वेषण शाखा में जांच लंबित थी। बावजूद उन्हें आईपीएस अवार्ड दे दिया गया। प्रक्रिया पारदर्शिता और नियमों की स्पष्ट अन देखी दर्शाती है।गृह मंत्रा लय के पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने आपत्ति जताई थी।छग पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा था। बावजूद न केवल यशपाल सिंह को आईपीएस अवार्ड मिला, बल्कि उन्हें वरिष्ठता के आधार पर 2013 बैच भी दे दिया गया।
और अब बस….
0 ईडी ने पूर्व मंत्री क़वासी लखमा, उनके बेटे की सम्पति और कांग्रेस भवन को अटैच कर लिया है….।
0छ्ग पुलिस ने इंश्योरेंस के नाम पर 20 लाख की ठगी करने वाले अर्न्त राज्यीय साइबर ठग गिरोह के 2 आरोपियों को नोएडा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है।
0रायपुर से 10 बांग्ला देशी को हिरासत में लिया गया है।सभी के पास से आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।