बिप्लब् कुण्डू,पखांजूर : लाखो रुपया की लागत से बन रहे स्टाप डेम में जम कर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं बांदे पूर्व परलकोट वन विभाग द्वारा बेटिया बेनूर के जंगलो के नालो में कम-से कम 7-8 स्टाप डेम निर्माण किया जा रहा हैं जहा पर ठेकेदार वन विभाग के अधिकारियो से मिलकर निन्म से निन्म स्तर पे निर्माण कार्य करवा रहे हैं ज्ञात हो की शासन द्वारा विकास की गंगा वहाने के लिए कई योजना के माध्यम से ग्रामीण तथा पशु पक्षियों की जीवन रक्षा के लिए लाखो करोडो रुपया स्वीकृत कर निर्माण कार्य करवाते हैं मगर सही मायने में इन रुपयों का बंदर-बांट किस तरह वन विभाग द्वारा किया जा रहा हैं
इसका अंदाजा आप तस्वीर देखकर लगा सकते हैं स्टाप डेम के निर्माण में स्टीमेट के आधार पे पूर्ण कंकृटीकारण किया जाना हैं मगर वन कर्मिओ के नुमैन्दे जंगल का भरपूर फायदा उठाकर पहाड़ी पत्थर से निर्माण करवा रहे हैं क्यूंकि इस गभीर जंगल का नाम सुनकर सब डरते हैं और इसे देखने बाला कोई नहीं हैं सबसे चौकाने वाली बात इस निर्माण के दौरान उपयंत्री की भूमिका अहम् रहता हैं मगर उपयंत्री भी मिलकर इस भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं जब इस संम्बंध में संम्बधित रेंजर शंकर दास से बात किया गया तो उन्होंने कहा हमारे हाथो में कुछ नहीं हैं सब उच्य अधिकारी dfo जी के निर्देशनुषर हो रहा हैं
आपको बता दे की 10-15 लाख रुपया के लगत से बन रहे एक-एक स्टाप डेम चंद रुपयों में बन कर तैयार हो जायेगा -वन विभाग ने उसे ठेकेदार को सौपा हैं जहा पर ठेकेदार और इंजिनियर मिलकर बड़े-बड़े पहाड़ी बोल्डर का उपयोग कर रहे हैं क्यूंकि जंगल हैं यह 500 रुपया खर्च से एक ट्रेक्टर पहाड़ी पत्थर जुगाड़ किया जा सकता हैं रेती की कोई गुणवत्ता नहीं हैं जिस नदी-नाले में कार्य किया जा रहा हैं उसी जगह से उसे उत्खनन कर कार्य पे लगाया जा रहा हैं सीमेंट सप्लायर द्वारा भेजा जा रहा हैं जो ट्रको से पत्थरनुमा निकल रहा हैं ऐसे में ठेकेदार और उपयंत्री बड़े सहबो के आदेशो का अवेहलना नहीं कर सकते जो मटेरियल भेजा जाये उसी से आंख-कान मुह बंद कर कार्य किये जा रहा हैं और कमीशन भी मिल रहा हैं ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल खड़ा होना लाजमी हैं
निर्माण स्थल पे कोई बोर्ड नहीं लगा हैं जिससे लोगो को गुमराह किया जा सके स्टाप डेम कौन से योजना के अंतर्गत बन रहा हैं कितने की लागत हैं निर्माण एजेंसी का क्या नाम हैं किसी को मालूम नहीं ! नीव खुदाई ना के बराबर किया गया ताकि मटेरियल बचा सके स्टाप डेम की लंम्बाई जितनी स्टीमेट में हैं उससे छोटी बनाई जा रही हैं सीमेंट पत्थर बन चूका हैं उसे फोड़-फोड़ कर डाला जा रहा हैं निर्माण के दौरान माप-दंड का कोई मायने नहीं हैं कितना रेती-सीमेंट-गिट्टी चाहिए किसी को जानकारी हैं लाखो की लागत से बन रहे निर्उमाण कार्पय में मशीनों का कोई उपयोग नहीं क्यंयूं कि यह तो जंगल हैं कौन देखने आयेगा जो भी आयेगा सब अपने हैं !
इस संम्बंध में शंकर दास रेंजर पूर्व परलकोट बांदे ने बतलाया हमें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं हैं सब dfo साहब करवा रहे हैं सभी चीजो का टेंडर हुआ हैं मतेलियल भी सप्लायर द्वारा भेजा जा रहा हैं !
इस संम्बंध में ccf जे.आर. नायक ने बतलाया मुझे इस बारे में जानकारी नही हैं हालांकि किसी भी कांक्रीटीकरण निर्माण स्टाप डेम निर्माण में पहाड़ी बोल्डर का उपयोग नही कर सकते । ज्यादा जानकारी के लिए dfo साहब से संम्पर्क करे ।
इस संम्बंध में dfo आर.सी. मेश्राम ने बतलाया काम ठीक चल रहा हैं बोल्डर तो नीचे डाला गया हैं वह डाल सकते है ।